चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। बीजिंग विंटर ओलंपिक के बहाने बीजिंग पहुंचे पाक पीएम इमरान खान ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। इसमें उन्होंने कश्मीर का रोना रोया। जिस के बाद चीन ने साफ तौर पर कश्मीर के मुद्दे को लेकर पाकिस्तान के पक्ष में बयान जारी कर शी ने भारत को कश्मीर पर एकतरफा कदम उठाने से परहेज करने की परोक्ष सलाह दे डाली।
दरअसल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अब तक तुर्की के अलावा कश्मीर मुद्दे पर किसी भी दूसरे देश का साथ नहीं मिला था और इमरान खान चीन से कर्ज की नई किश्त भी चाहते थे, लिहाजा ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के बीजिंग गये इमरान खान ने एक बार फिर से चीन के सामने कश्मीर का मुद्दा उठाया है। जिसको लेकर चीन की तरफ से एक बयान जारी करते हुए 'एकपक्षीय कार्रवाई का विरोध' किया गया है। चीन ने अपने बयान में कहा है कि, 'पाकिस्तानी पक्ष ने जम्मू-कश्मीर में ताजा स्थिति और घटनाक्रमों से अवगत कराया। चीनी पक्ष ने कहा कि, कश्मीर मुद्दा एक ऐसा विवाद है, जो अतीत से मिला है और उसका उपयुक्त और शांतिपूर्ण समाधाना होना चाहिए। चीन स्थिति को और जटिल करने वाली किसी भी एकपक्षीय कार्रवाई का विरोध करता है।'
इमरान खान चीन के मुरीद
पाक पीएम इमरान खान चीन के इतने मुरीद है कि उन्होंने उइगर मुस्लिमों के चीन द्वारा दमन को भी उचित बता दिया है। वह कश्मीर मामले में चीन की मदद लेने की खातिर उसका एकतरफा समर्थन कर रहे हैं। इमरान खान ने कहा कि उइगरों को लेकर चीन जो भी कर रहा है वह सही कर रहा है और हम उसकी नीतियों का समर्थन करते हैं। पाकिस्तान ने विश्व के करीब 243 संगठनों के उन आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया जो कि शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार के बाद चीन पर लगे हैं। बीजिंग में इमरान खान और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि पाकिस्तान ताइवान, दक्षिण चीन सागर, हांगकांग, शिनजियांग और तिब्बत पर चीन की नीतियों का समर्थन करता है। पाकिस्तान के समर्थन के बाद से चीन और भी अधिक मनमानी करने पर उतारू हो सकता है।
रूस ने सुनाई खरी-खरी
इमरान खान चीन की तरह ही रूस से भी कश्मीर मामले में मदद की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन रूस ने साफ शब्दों में कह दिया है कि यह मसला दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय है और रूस की नीति ऐसे मामलों में दखल नहीं देने की है। इमरान खान मार्च में रूस यात्रा पर जाने वाले हैं।
कश्मीर पर चीन का 'डबल गेम'
चीन ने कश्मीर पर पाकिस्तान के पक्ष में बोलकर डबल गेम खेलने की कोशिश की है। जिस चीन का इतिहास ही दूसरे देशों की जमीन पर कब्जा करने और हांगकांग और ताइवान जैसे देशों की स्वतंत्रता को खत्म करने की रही है, वो भला किस मुंह से कश्मीर पर बात कर सकता है। जिस चीन ने हांगकांग की राजनीतिक स्थिति को तहस-नहस कर दिया है, उस चीन को भारत और कश्मीर के मुद्दे पर बोलने का कोई हक नहीं है। दरअसल, चीन ने पाक अधिकृत कश्मीर में सीपीईसी प्रोजेक्ट के तहत अरबों रुपये का निवेश कर रखा है और चीन को डर है कि, कहीं भारत उसके अरबों डॉलर के प्रोजेक्ट और उसके नापाक मंसूबों पर पानी ना फेर दे, लिहाजा अब ड्रैगन ने जहर उगलना शुरू कर दिया है।
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