पंजाब में नशे की समस्या पर पिछले विधानसभा चुनावों से कुछ माह पहले फिल्म आई थी ‘उड़ता पंजाब’। उस समय कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुटका साहिब पर हाथ रख कर चार सप्ताह के भीतर नशाखोरी खत्म करने की शपथ ली थी। लेकिन पांच साल बाद हालात नहीं बदले हैं। इस बार भी राज्य में नशा सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा है। आलम यह है कि 8 जनवरी को चुनाव की घोषणा करने के बाद लगभग एक महीने में चुनाव आयोग ने 278 करोड़ से अधिक की कीमत का नशीला सामान बरामद किया है। 2017 के बाद से राज्य में हेरोइन की बरामदगी 3.6 गुना (363 प्रतिशत) बढ़ गई है।
रोजाना औसतन 37 गिरफ्तारी
मार्च 2017 में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ सख्ती, पीडि़तों के पुनर्वास, सरकारी एजेंसियों व पुलिस इकाइयों के साथ समन्वय के लिए एडीजीपी हरप्रीत सिंह सिद्धू की अध्यक्षता में एक नशारोधी विशेष कार्यबल का गठन किया। 1 अप्रैल, 2017 से इस साल 31 जनवरी तक एसटीएफ और अपराध निरोधक शाखा ने नशे के कारोबार से जुड़े 67,081 लोगों को गिरफ्तार किया। यानी रोजाना औसतन 37 लोगों की गिरफ्तारी हुई। इनमें 543 लोग ऐसे हैं, जिनके पास से प्रवर्तन एजेंसियों ने दो किलो से अधिक हेरोइन बरामद की। साथ ही, राज्य भर में एनडीपीएस एक्ट के तहत 51,461 प्राथमिकी (29 प्राथमिकी प्रतिदिन) दर्ज की गई हैं। यही नहीं, इस दौरान प्रदेश भर में कुल 2,415 किलो चिट्टा (हेरोइन) बरामद किया गया। सूबे में 2020 में करीब 759 किलो हेरोइन बरामद की गई, जो अब तक की सबसे बड़ी जब्ती है। इसके अलावा, पंजाब सरकार ने जनवरी 2017 से दिसंबर 2021 के बीच नशे से जुड़े अपराधों में कम से कम 105 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया है। इनमें इंस्पेक्टर तक शामिल हैं।
नशामुक्ति व पुनर्वास केंद्रबाह्य रोगी अपलोड सहायक उपचार केंद्र- 206ओओएटी क्लीनिक (जेलों में) – 13पंजीकृत मरीज – 2,37,006सरकारी नशामुक्ति केंद्र – 35सरकारी पुनर्वास केंद्र – 19निजी नशामुक्ति केंद्र – 176निजी पुनर्वास केंद्र – 72ओओएटी में मरीजों का उपचार – 7,31,843निजी अस्पतालों में मरीज – 4,92,937 |
आंकड़े बताते हैं कि राज्य में नशा किस तरह सिर चढ़ कर बोल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि नशा छोटे-बड़े इलाज से ठीक होने वाला रोग नहीं है, बल्कि इसके लिए क्रिमोथैरेपी की आवश्यकता पड़ेगी। एक दृढ़ राजनीतिक इच्छा शक्ति व प्रशासनिक योग्यता के बल पर ही इस काम को अंजाम दिया जा सकता है।
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