पाकिस्तान के प्रमुख विपक्षी दलों, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने इमरान खान के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए हाथ मिलाया है। साझा उद्देश्य के लिए दोनों दल आपसी मतभेद भुलाकर एक साथ आए हैं। विपक्षी गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान को भी साथ लाने की तैयारी है।
विधानसभाओं से सामूहिक इस्तीफे के मुद्दे पर पीएमएल-एन और पीपीपी के बीच रिश्ते लगभग एक साल से तनावपूर्ण थे। लेकिन दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व ने आपसी बातचीत के बाद साझा मुद्दों पर तल्खी को पीछे छोड़ने का फैसला लिया। इन दलों के निशाने पर इमरान खान की सरकार है। प्रधानमंत्री इमरान खान को चलता करने के लिए इन दलों ने मिलकर काम करने पर सहमति जताई है, जिसमें सरकार के खिलाफ अविश्वासमत लाना और संयुक्त प्रदर्शन जैसे फैसले शामिल हैं। पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उनके बेटे पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने मॉडल टाउन में पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ और उपाध्यक्ष मरियम नवाज से मुलाकात की और इमरान खान की अगुआई वाली पीटीआई सरकार को हटाने के लिए विभिन्न विकल्पों पर चर्चा की।
विश्लेषकों का कहना है कि विपक्षी दलों ने लक्ष्य को हासिल करने के लिए दीर्घकालिक रणनीति बनाई है। उनके कदम गंभीर दिखाइ देते हैं। खासतौर से जरदारी का शरीफ से मिलने उनके आवास पर जाना अपने आप में एक दुर्लभ दृश्य था। पहले तो यही कहा गया कि पीपीपी के सह-अध्यक्ष बिलावल केवल पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से ही मुलाकात करेंगे। लेकिन मुलाकात के दौरान पीएमएल-एन की नेता मरियम शरीफ ने फोन पर अपने पिता नवाज शरीफ को जोड़ा और फिर बड़े जरदारी से उनकी बात कराई। दोनों नेताओं ने साझा उद्देश्य के लिए साथ चलने को लेकर बातचीत की। हालांकि बैठक के दौरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के मुद्दे पर शहबाज व बिलावल की पार्टी के बीच मतभेद था। संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में दोनों ने इसे माना भी। साथ ही, कहा कि इस मुद्दे पर काफी हद तक मतभेद खत्म हो गया है।
बैठक के बाद शहबाज शरीफ ने घोषणा की कि संघीय सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के बारे में पीपीपी का रुख हमेशा से स्पष्ट था, लेकिन पीएमएल-एन की राय में अंतर था। लेकिन अब दोनों पार्टियों में काफी हद तक आम सहमति बन गई है। यह प्रस्ताव एक-दो दिन में पीएमएल-एन की केंद्रीय कार्यकारी समिति और पार्टी मुखिया नवाज शरीफ के समक्ष पेश किया जाएगा। पीएमएल-एन के मुताबिक, पार्टी अध्यक्ष ने नवाज से फोन पर बात की और उन्हें पीपीपी नेतृत्व के साथ बैठक के बारे में बताया। शहबाज ने विपक्षी गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान से भी बात की और उन्हें बैठक के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पीपीपी के साथ पीएमएल-एन के संपर्कों के बारे में पीडीएम को विश्वास में लिया जाएगा। पीपीपी और पीएमएल-एन दोनों ने इस्लामाबाद पर अलग-अलग लॉन्ग मार्च की घोषणा की है। एक 27 फरवरी से शुरू होगा और दूसरा 23 मार्च को होगा। दोनों पक्षों ने अभी तक पुष्टि नहीं की है कि वे राजधानी पहुंचने के बाद धरना देंगे।
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