अभी कुछ महीने पहले झारखंड सरकार ने 'मॉब लिंचिंग' के विरुद्ध एक कानून बनाया था। जिस दिन वह कानून बना था, उस दिन झारखंड में कट्टरपंथी मुसलमानों ने नाच—नाच कर उसका स्वागत किया था। उस दिन कुछ लोगों ने कहा था कि यह नाच इस खुशी में है कि वे अपने को इस कानून के दायरे से बाहर मानते हैं। उनके कहने का अर्थ यह था कि यदि हिंदुओं की भीड़ किसी मुसलमान को मारे तो वह 'मॉब लिचिंग' होगी और यदि मुसलमानों की भीड़ किसी हिंदू को मारे तो उसे 'मॉब लिचिंग' माना ही नहीं जाएगा। इसलिए नए कानून के फंदे में केवल हिंदू आएंगे।
अब इसी तरह का मामला सामने आ रहा है। हजारीबाग जिले में बरही से लगभग 15 किलोमीटर दूर दुलमाहा गांव में 6 फरवरी को सरस्वती माता की प्रतिमा विसर्जन जुलूस में शामिल 17 वर्षीय रूपेश कुमार पांडे की कुछ कट्टरपंथी मुसलमानों ने हत्या कर दी। घटना के कुछ समय बाद ही वहां के डीएसपी नाजिर अख्तर सामने आए और कहा कि यह प्रेम प्रसंग का मामला था। पुलिस ने बिना जांच यह बता दिया कि वह इस घटना को 'मॉब लिचिंग' नहीं मानती है। लोग मान रहे हैं कि पुलिस कट्टरपंथियों को बचाने के लिए आगे आ गई। कुछ लोगों ने तो यह भी कहा कि बिना सरकारी निर्देश पुलिस ऐसा नहीं कर सकती है। यही कारण है कि झारखंड में कट्टरपंथी मुसलमानों की भीड़ आए दिन हिंदुओं की हत्या कर रही है।
जो लोग मोटरसाइकिल चोर तबरेज की पिटाई पर संसद से लेकर सड़क तक हल्ला मचा रहे थे, वे लोग भी हिंदुओं की हत्या पर चुप हैं। वहीं नेता प्रतिपक्ष सह भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर कहा कि बरही में एक युवक की निर्ममता से पिटाई हुई, उसके बाद उसकी मौत हो गई। यह झारखंड की बदतर कानून—व्यवस्था की जीवंत तस्वीर है। उन्होंने प्रशासन से सभी दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की और रूपेश के परिजनों को एक करोड़ रुपए का मुआवजा देने की मांग की है। रूपेश की हत्या के मामले में अब तक असलम, पप्पू और दो अन्य लोग पकड़े गए हैं।
बरही विधानसभा क्षेत्र है। यहां पहले भी हिंदुओं को प्रताड़ित करने की अनेक घटनाएं हुई हैं। पिछले साल जब राम मंदिर के लिए निधि समर्पण कार्यक्रम के लिए रथ निकाला गया था, उस समय भी बरही में उसे रोकने का प्रयास किया गया था। इस कारण कई दिनों तक वहां तनाव रहा था। यही नहीं, गत वर्ष छठ पूजा के समय कुछ जिहादियों ने 17 जगहों पर गिरगिट को मारकर टांग दिया गया था, ताकि श्रद्धालुओं को जाने—आने में परेशानी हो और वे अशुद्ध हो जाएं।
6 फरवरी को सरस्वती प्रतिमा के विसर्जन के दौरान कोडरमा के मरकच्चो थाना क्षेत्र में भी हिंदुओं पर पथराव किया गया। श्रद्धालु जब भजन—कीर्तन करते हुए विसर्जन के लिए जा रहे थे तो कट्टरपंथियों की भीड़ ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया। नहीं मानने पर उन पर हमला किया गया। इसमें 10 लोग घायल हुए हैं। इसमें छह साल का एक बच्चा भी शामिल है। सरस्वती प्रतिमा विसर्जन जुलूस पर जामताड़ा के करमाटांड़ थाना क्षेत्र के फिटकोरिया गाँव में भी कट्टरपंथी मुसलमानों ने हमला किया। इन लोगों ने पहले मस्जिद के सामने से प्रतिमा को ले जाने से मना किया था। इसकी जानकारी पुलिस को दी गई तो पुलिस ने मुसलमानों के दबाव पर बरसों पुराने रास्ते से हिंदुओं को जाने से रोक दिया। 6 फरवरी को चतरा और गिरीडीह में भी तनाव पैदा हुआ। तनाव को देखते हुए इस समय हजारीबाग, कोडरमा, चतरा और गिरिडीह जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
कुछ दिन पहले सिमडेगा में भी संजू प्रधान को कुछ लोगों ने बुरी तरह पीटा और उसके बाद उसे जिंदा ही आग में फेंक दिया था। तड़प—तडप कर उसकी मौत हुई थी। दुर्भाग्य से उसे भी पुलिस ने 'मॉब लिचिंग' नहीं माना था।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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