बीते वर्षों में हाकी की बेहतरी के लिए कुछ न करने पर जब पूर्व ओलंपियन राशिद उल हसन ने देश के प्रधानमंत्री को आइना दिखाया तो उसका खामियाजा उन्हें उठाना पड़ा है। दरअसल पाकिस्तान हॉकी ओलंपियन राशिद-उल-हसन द्वारा गुरुवार को सोशल मीडिया पर देश में गिरते खेल के स्तर को लेकर अपनी बात रखी जिस पर पाकिस्तान हॉकी महासंघ (पीएचएफ) द्वारा उन पर 10 साल का बैन लगा दिया गया।
वहीं 1984 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता राशिद ने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्पष्ट रूप से नकारते हुए प्रतिबंध को अदालत में चुनौती देने के विकल्प पर विचार किया है। राशिद ने अपनी सफाई में कहा है कि पीएम के खिलाफ किसी तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं किया, बल्कि उन्हें अपनी बात रखने का हक है। उन्होंने केवल इतना ही कहा था कि पीएम इमरान खान ने हाकी की बेहतरी के लिए जो वादे किए थे, बीते वर्षों में उन्होंने इनको पूरा करने के लिए कुछ नहीं किया। उनके मुताबिक अपनी बात रखते हुए उन्होंने किसी भी तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं किया।
राशिद पर बैन लगाने के फैसले की जानकारी पीएचएफ के अध्यक्ष ब्रिग्रेडियर खालिद सज्जाद खोखर और सचिव आसिफ बाजवा ने प्रेस रिलीज के माध्यम से दी है। इसमें कहा गया है कि राशिद द्वारा दो नोटिसों का जवाब नहीं देने के बाद, पीएचएफ अध्यक्ष के निर्देश पर समिति ने 10 साल का प्रतिबंध लगा दिया। अधिसूचना की प्रति संसद की खेल संबंधी स्थाई समिति को भी भेजी गई है।
टिप्पणियाँ