क्या सच में पास आ रहे हैं रूस-चीन या ये है सिर्फ अमेरिका को दिखाने का पैंतरा
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

क्या सच में पास आ रहे हैं रूस-चीन या ये है सिर्फ अमेरिका को दिखाने का पैंतरा

by Alok Goswami
Feb 5, 2022, 06:30 am IST
in विश्व, दिल्ली
बीजिंग में शी जिनपिंग और पुतिन

बीजिंग में शी जिनपिंग और पुतिन

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
यू​क्रेन तनाव के चलते पुतिन भी इस कोशिश में हैं कि अमेरिका की अगुआई में नाटो के सामने वे अकेले न दिखें, दुनिया देख ले कि चीन उनके पाले में है। उधर शी जिनपिंग अपने तानाशाही रवैए, दमनकारी नीतियों और कोरोना को उपजाने के आरोपों को लेकर दुनिया के तमाम सभ्य देशों के निशाने पर हैं। इसलिए फिलहाल पुतिन और शी का यह अंदाज उनके कद को और बड़ा दिखाएगा

बीजिंग शीतकालिन ओलंपिक खेलों के उद्घाटन के बहाने चीन के दौरे पर गए रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन और चीन के राष्‍ट्रपति शी‍ जिनपिंग के बीच दिखी भाव—भंगिमाएं कुछ खास संकेत कर रही थीं। दोनों नेता ऐसे मिल रहे थे जैसे बहुत निकट का रिश्ता हो। या ऐसा कैमरों के सामने दुनिया को कुछ बताने की कोशिश थी? विशेषज्ञों का मानना है कि यू​क्रेन तनाव के चलते पुतिन भी इस कोशिश में हैं कि अमेरिका की अगुआई में नाटो के सामने वे अकेले न दिखें, दुनिया देख ले कि चीन उनके पाले में है। 

चीन, जिसके पास परमाणु अस्त्रों सहित शस्त्रों का बड़ा भंडार है, अत्याधुनिक उपकरण हैं और सैनिकों की भारी तादाद है। उधर शी जिनपिंग अपने तानाशाही रवैए, दमनकारी नीतियों और कोरोना को उपजाने के आरोपों को लेकर दुनिया के तमाम सभ्य देशों के निशाने पर हैं। इसलिए फिलहाल पुतिन और शी का यह अंदाज उनके कद को और बड़ा दिखाएगा। लेकिन सवाल है कि क्या यह निकटता लंबे समय तक कायम रहेगी?

 

चीन का स्पष्ट कहना है कि वह भी नाटो में किसी नए देश को शामिल करने का विरोधी है। उधर ताइवान के मुद्दे पर पुतिन ने शी की पीठ पर हाथ रखा है। पुतिन ने कहा कि उनका देश 'एक चीन की नीति' का समर्थक है। दोनों नेताओं की इस वार्ता के बाद संयुक्‍त बयान जारी किया गया जिसमें दोनों देशों का कहना है कि उनका 'यह नया रिश्‍ता शीत युद्ध के दौर के किसी भी राजनीतिक अथवा सैन्‍य गठबंधन से ज्‍यादा मजबूत होगा'।

 

पुतिन के बीजिंग पहुंचने पर शी ने उनका न सिर्फ गर्मजोशी से स्वागत किया, बल्कि साथ घूमकर चीन की खूबियां दिखाईं, लजीज चीनी व्यंजन चखाए और खूब नाच—गाना दिखाया। शी ने रूस को चीन का 'सबसे अच्छा मित्र' बताया। दोनों नेताओं ने घोषणा की कि दोनों देशों में दोस्‍ती का एक नया दौर शुरू हो रहा है। 

इधर यूक्रेन में तनाव बढ़ता जा रहा है। यूरोपीय संघ, अमेरिका और अन्य देश मामले को निपटाने और सुलह—सफाई की कोशिश में लगे हैं, लेकिन दोनों पक्षों की हठधर्मी अपनी जगह बनी हुई है। लेकिन जब तक चीन में ओलंकिप खले चल रहे हैं तब तक रूस युद्ध जैसा कदम संभवत: नहीं उठाएगा। कारण, सूत्रों के अनुसार, शी ने पुतिन को कहा है कि फिलहाल ऐसा कुछ न करें जिससे दुनिया का ध्यान बीजिंग के इस आयोजन से हटकर दूसरी तरफ चला जाए। 

लेकिन राष्ट्रपति शी ने यूक्रेन मामले में रूस का साथ देने की खुलेआम घोषणा जरूर की है। अमेरिका से यूं भी चीन का छत्तीस का आंकड़ा रहा है। अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध को वह भूला नहीं है जब उसकी अर्थव्यवस्था को बड़ा आघात लगा था। चीन ने नाटो देशों को भी एक संकेत दिया है कि चीन को अकेला न समझें। मुलाकात के बाद दोनों नेताओं की तरफ से यह भी कहा गया कि बीजिंग और मास्‍को के बीच संबंधों में अब कोई सीमा नहीं होगी, दोनों देश आपस में एक—दूसरे का पूरा सहयोग करेंगें।

चीन का स्पष्ट कहना है कि वह भी नाटो में किसी नए देश को शामिल करने का विरोधी है। उधर ताइवान के मुद्दे पर पुतिन ने शी की पीठ पर हाथ रखा है। पुतिन ने कहा कि उनका देश 'एक चीन की नीति' का समर्थक है। दोनों नेताओं की इस वार्ता के बाद संयुक्‍त बयान जारी किया गया जिसमें दोनों देशों का कहना है कि उनका 'यह नया रिश्‍ता शीत युद्ध के दौर के किसी भी राजनीतिक अथवा सैन्‍य गठबंधन से ज्‍यादा मजबूत होगा'। दोनों देशों का कहना है कि अब सहयोग का कोई क्षेत्र अब वर्जित नहीं होगा।

संयुक्त बयान में दोनों की तरफ से कहा गया है कि वे अब अंतरिक्ष, जलवायु परिवर्तन, आर्टिफिशल इंटेल‍िजेंस तथा इंटरनेट पर काबू के मुद्दे पर साथ काम करेंगे। उधर रूस ने चीन को घेरने के लिए बने क्वाड मंच पर एक तरह से आपत्ति जताई। पुतिन ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में क्वाड संगठन बनाने को लेकर बीजिंग के विरोध के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि भारत भी क्‍वॉड का सदस्‍य है।

उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने रूस को चेतावनी दी है कि अगर यूक्रेन पर हमला हुआ तो उसके बहुत गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पुतिन को तगड़े आर्थिक प्रतिबंध झेलने होंगे। संभवत: इस बयान पर अपना सख्त पैंतरा दिखाते हुए ही पुतिन के साथ शी जिनपिंग ने 'ऑकस रक्षा गठजोड़' पर गंभीर चिंता व्यक्त की। यह गठबंधन अमेरिका ने ऑस्‍ट्रेलिया के साथ किया है।

Alok Goswami
Journalist at Bahrat Prakashan | Website

A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth  of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.

  • Alok Goswami
    https://panchjanya.com/author/alok-goswami/
    Jul 14, 2025, 02:55 pm IST
    बांग्लादेश में मुक्ति संग्राम स्मारक तोड़कर ‘छात्र आंदोलन’ को ‘अमर’ बनाने में जुटी अंतरिम सरकार
  • Alok Goswami
    https://panchjanya.com/author/alok-goswami/
    Jul 14, 2025, 12:17 pm IST
    कराची की रामलीला, राम बने अश्मल तो वक्कास अख्तर बने लक्ष्मण, आमिर बने दशरथ तो जिबरान ने निभाई हनुमान की भूमिका
  • Alok Goswami
    https://panchjanya.com/author/alok-goswami/
    Jul 12, 2025, 12:17 pm IST
    जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!
  • Alok Goswami
    https://panchjanya.com/author/alok-goswami/
    Jul 10, 2025, 12:17 pm IST
    ‘खुफिया विभाग से जुड़े सब सीखें अरबी, समझें कुरान!’ Israel सरकार के इस फैसले के अर्थ क्या?
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

तिलक, कलावा और झूठी पहचान! : ‘शिव’ बनकर ‘नावेद’ ने किया यौन शोषण, ब्लैकमेल कर मुसलमान बनाना चाहता था आरोपी

श्रावस्ती में भी छांगुर नेटवर्क! झाड़-फूंक से सिराजुद्दीन ने बनाया साम्राज्य, मदरसा बना अड्डा- कहां गईं 300 छात्राएं..?

लोकतंत्र की डफली, अराजकता का राग

उत्तराखंड में पकड़े गए फर्जी साधु

Operation Kalanemi: ऑपरेशन कालनेमि सिर्फ उत्तराखंड तक ही क्‍यों, छद्म वेषधारी कहीं भी हों पकड़े जाने चाहिए

अशोक गजपति गोवा और अशीम घोष हरियाणा के नये राज्यपाल नियुक्त, कविंदर बने लद्दाख के उपराज्यपाल 

वाराणसी: सभी सार्वजनिक वाहनों पर ड्राइवर को लिखना होगा अपना नाम और मोबाइल नंबर

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

तिलक, कलावा और झूठी पहचान! : ‘शिव’ बनकर ‘नावेद’ ने किया यौन शोषण, ब्लैकमेल कर मुसलमान बनाना चाहता था आरोपी

श्रावस्ती में भी छांगुर नेटवर्क! झाड़-फूंक से सिराजुद्दीन ने बनाया साम्राज्य, मदरसा बना अड्डा- कहां गईं 300 छात्राएं..?

लोकतंत्र की डफली, अराजकता का राग

उत्तराखंड में पकड़े गए फर्जी साधु

Operation Kalanemi: ऑपरेशन कालनेमि सिर्फ उत्तराखंड तक ही क्‍यों, छद्म वेषधारी कहीं भी हों पकड़े जाने चाहिए

अशोक गजपति गोवा और अशीम घोष हरियाणा के नये राज्यपाल नियुक्त, कविंदर बने लद्दाख के उपराज्यपाल 

वाराणसी: सभी सार्वजनिक वाहनों पर ड्राइवर को लिखना होगा अपना नाम और मोबाइल नंबर

Sawan 2025: इस बार सावन कितने दिनों का? 30 या 31 नहीं बल्कि 29 दिनों का है , जानिए क्या है वजह

अलीगढ़: कॉलेज में B.Sc छात्रा पर चाकू से हमला, ABVP कार्यकर्ताओं ने जताया विरोध

लालमोनिरहाट में बनी पाषाण कलाकृति को पहले कपड़े से ढका गया था, फिर स्थानीय प्रशासन के निर्देश पर मजदूर लगाकर ध्वस्त करा दिया गया

बांग्लादेश में मुक्ति संग्राम स्मारक तोड़कर ‘छात्र आंदोलन’ को ‘अमर’ बनाने में जुटी अंतरिम सरकार

बेटे को कन्वर्जन गैंग का मुखिया बनाना चाहता था छांगुर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies