पटरी से उतरती अपनी अर्थव्यवस्था को संभलाने के लिए हाथ—पैर मारते पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान विंटर ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह के बहाने बीजिंग पहुंचे हैं। वहां चीन के नेताओं के सामने उनका गिड़गिड़ाना काम आया और चीन सीपीईसी परियोजना के दूसरे चरण का काम शुरू करने को तैयार हो गया। कल यानी 4 फरवरी को इससे जुड़े करार पर हस्ताक्षर होने के समाचार प्राप्त हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि 60 अरब डॉलर की इस चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) परियोजना से पाकिस्तान अच्छी कमाई होने की उम्मीदें पाले है। बलूचिस्तान और पाकिस्तान अधिक्रांत में इस परियोजना के जबरदस्त विरोध के चलते पिछले काफी समय से इस पर काम बंद पड़ा हुआ है। पाकिस्तान के वहां पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध न कराने को लेकर भी राष्ट्रपति शी जिनपिंग काफी नाराज बताए गए थे। लेकिन अब चीन ने पाकिस्तान के साथ इस परियोजना के दूसरे चरण पर काम शुरू करने के एक नए करार पर हस्ताक्षर किए हैं। खुशी से उछलते प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस बेहद विवादित परियोजना को दोनों देशों के लिए रणनीतिक रूप से अहम ठोस लाभ पहुंचाने वाली परियोजना बताया।
इमरान खान का कहना था कि यह परियोजना दोनों देशों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है तथा ठोस लाभ पहुंचाने वाली है। उल्लेखनीय है कि सत्ता में आने से पहले यही इमरान खान थे जो इस परियोजना की बुराइयां करते रहे थे। उस वक्त उन्होंने इसको गुप्त रखने और असमान निवेश पर उंगलियां उठाई थीं। तब उन्होंने कहा था कि इसमें देश के कुछ प्रांतो को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है।
इमरान खान ने कल बीजिंग में चीन के शीर्ष योजना संस्थान 'राष्ट्रीय विकास व सुधार आयोग' (एनडीआरसी) के अध्यक्ष लिफेंग के साथ वर्चुअल बैठक की। इस बैठक में बताते हैं अमरान ने पाकिस्तान में चीन के निवेश को और बढ़ाने की बात की है।
पाकिस्तान के राज्य मंत्री और निवेश बोर्ड के अध्यक्ष मोहम्मद अजफर अहसन और लिफेंग ने औद्योगिक सहयोग के खाके पर हस्ताक्षर किए। इस सहयोग का मकसद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) लाना, आर्थिक क्षेत्र के विकास तथा औद्योगीकीकरण को बढ़ावा देना और सरकारी व निजी दोनों क्षेत्रों में परियोजनाओं की योजना बनाकर उन पर काम शुरू करना तथा नजर रखना है।
अपनी वर्चुअल बैठक में इमरान खान का कहना था कि यह परियोजना दोनों देशों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है तथा ठोस लाभ पहुंचाने वाली है। उल्लेखनीय है कि सत्ता में आने से पहले यही इमरान खान थे जो इस परियोजना की बुराइयां करते रहे थे। उस वक्त उन्होंने इसको गुप्त रखने और असमान निवेश पर उंगलियां उठाई थीं। तब उन्होंने कहा था कि इसमें देश के कुछ प्रांतो को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है।
हालांकि अब बीजिंग जाकर इमरान इसकी तारीफों के पुल बांधते हुए बोले कि सीपीईसी की शुरुआती फसल परियोजनाओं ने पाकिस्तान के आर्थिक परिदृश्य को बदलकर रख दिया है। उन्होंने कहा कि इसने देश में आर्थिक तरक्की की एक मजबूत बुनियाद रखी है।
हालांकि बैठक में परियोजनाओं में हो रही देरी की बात आने पर इमरान खान कसमें खाईं कि दोनों पक्ष समय से काम पूरा करेंगे। बता दें कि बीजिंग के लिए रवाना होने से ठीक पहले इमरान ने सीपीईसी परियोजनाओं की रफ्तार पर असर डाल रहे 37 नियमों को हटाने का फरमान दे दिया था।
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