एक मंत्र से दुनिया को जोड़ने वाले युगऋषि
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

एक मंत्र से दुनिया को जोड़ने वाले युगऋषि

by पूनम नेगी
Feb 5, 2022, 01:32 am IST
in भारत, दिल्ली
पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य

पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
आचार्यश्री को वैज्ञानिक अध्यात्म का प्रणेता माना जाता है। अध्यात्म और विज्ञान के समन्वय के लिए वैज्ञानिक शोध की अभिनव प्रयोगशाला "ब्रह्मवर्चस" द्वारा उन्होंने धर्म के सनातन सूत्रों की वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अभिनव व्याख्या कर देश के बुद्धिजीवी वर्ग का ध्यान आकृष्ट किया। इसी क्रम में डा. प्रणव पांड्या के नेतृत्व में आचार्यश्री के सपनों के शिक्षा केंद्र‘ देवसंस्कृति विश्वविद्यालय’ ने बीते दो दशकों में नैतिक मूल्यों पर आधारित रोजगारपरक शिक्षा देने की दिशा में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक कीर्तिमान स्थापित किये हैं।

आज वसंत पर्व है। वेदमाता गायत्री के सिद्ध साधक और विचार क्रान्ति अभियान के सूत्रधार पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य का आध्यात्मिक बोध दिवस। युग निर्माण के सूत्रधार पं. श्रीराम शर्मा आचार्य भारत की संत परम्परा की ऐसी दिव्य विभूति हैं, जिन्होंने सनातन हिन्दू संस्कृति के एक वैदिक मंत्र से पूरी दुनिया को जोड़ दिया। इतिहास में विरले ही ऐसे लोग होते हैं जो लाखों के जीवन की दिशाधारा बदलने का साहस रखते हैं। पंडित श्री राम शर्मा आचार्य ऐसे युगदृष्टा थे, जिनका समूचा जीवन भारत के सांस्कृतिक पुनरोत्थान को समर्पित रहा। वैज्ञानिक अध्यात्मवाद के प्रणेता के रूप में विख्यात इस अप्रतिम राष्ट्रसंत ने धर्म को रूढ़ियों व आडम्बरों के संजाल से मुक्त कर उसका सहज, सरल और वैज्ञानिक स्वरूप जनसामान्य के सामने रखा। गायत्री महामंत्र जिसका वाचन तत्कालीन परिस्थितियों में सिर्फ वैदिक ब्राह्मणों तक सीमित था। खासतौर पर स्त्रियों के लिए जो वेदमंत्र पूरी तरह वर्जित माना जाता था; इस महामनीषी ने अपनी तपश्चर्या के बल पर उसे सर्वसुलभ कर दिया। गायत्री महामंत्र की साधना को जाति, धर्म, लिंग, भेद से परे सबके लिए सुलभ बनाने वाले इस असंभव कार्य को संभव करने के कारण तद्युगीन भारत के समूचे संत समाज ने उन्हें ‘आधुनिक युग के विश्वामित्र’ की उपाधि से अलंकृत किया था।  

"वयं राष्ट्रे जाग्रयाम पुरोहित:" के उद्घोषक इस सच्चे राष्ट्रसंत के जीवन का अवलोकन करने पर आदर्शों पर चलने वाले सच्चे कर्मनिष्ठ ब्राह्मण व लोकमंगल की कामना में सतत संलग्न एक अनुकरणीय पारदर्शी व्यक्तित्व के दर्शन होते हैं, जिसने अपने जीवन में "साधना से सिद्धि" का सूत्र सार्थक कर दिखाया। बीती शताब्दी की घोर विषम परिस्थितियों में "इक्कीसवीं सदी-उज्ज्वल भविष्य" और "हम बदलेंगे-युग बदलेगा" जैसे उद्घोष करने का साहस आचार्यश्री जैसा कोई सिद्ध तपस्वी ही कर सकता था। आचार्यश्री ने अपने 80 वर्ष के जीवनकाल में खुद के बलबूते सुगढ़ मानवों को गढ़ने की टकसाल के रूप में जिस गायत्री तीर्थ शांतिकुंज की बुनियाद रखी थी; आज वह एक विशाल वट वृक्ष में करोड़ों की सदस्य संख्या वाला अखिल विश्व गायत्री परिवार बन चुका है।

देशभर में 2400 गायत्री शक्तिपीठों, 40,000 प्रज्ञा मण्डलों और सैकड़ों महिला मण्डलों की स्थापना करने वाले आचार्यश्री ने देश-विदेश में जिस नैतिक, बौद्धिक एवं सामाजिक आन्दोलन का सूत्रपात किया था, उसकी वर्तमान उपलब्धियां बेमिसाल हैं। भारत के घर-घर में गायत्री व यज्ञ को घर-घर में स्थापित करने का श्रेय आचार्यश्री को जाता है। धर्मतंत्र से लोक शिक्षण, ग्राम-तीर्थों की स्थापना, भेदभाव रहित धार्मिक आयोजन, लोकसेवियों को प्रशिक्षण, बाल संस्कारशालाओं द्वारा बच्चो में सुसंस्कारिता का बीजारोपण, लोक संस्कृति का पुनर्जीवन, कुटीर उद्योगों का रोजगारपरक प्रशिक्षण, पर्यावरण संरक्षण के लिए यज्ञ विज्ञान की विज्ञान सम्मत स्थापना जैसे अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं के द्वारा अखिल विश्व गायत्री परिवार आज जिस तरह सेवापथ पर निरंतर गतिमान है, उसके मूल में मिशन के संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य की दिव्य प्रेरणाएं ही हैं। वे सही मायने में संस्कृति पुरुष थे।

सादगी की प्रतिमूर्ति व स्नेह से परिपूर्ण अन्त:करण वाले आचार्यश्री की हर श्वांस गायत्रीमय थी। समिधा की तरह उन्होंने अपने पूरे जीवन को संस्कृति यज्ञ में होम कर डाला था। उनके जीवन के प्रारम्भिक 30 वर्ष जन्मस्थली आंवलखेड़ा व जनपद आगरा में एक नैष्ठिक गायत्री साधक, समाज सुधारक व आजादी के सेनानी के रूप में बीते और बाद के तीस वर्ष मथुरा में सच्चे कर्मयोगी व विलक्षण संगठनकर्ता के रूप में। इस अवधि में उन्होंने "युग निर्माण सत्संकल्प" के रूप में गायत्री मिशन का घोषणा पत्र जारी कर सतयुगी समाज की आधारशिला रखी। अपनी लेखनी के द्वारा उन्होंने ऐसे युग साहित्य का सृजन किया जिसमें आज के समय की प्रत्येक समस्या का समाधान निहित है। उन्होंने वेद, उपनिषद, स्मृति पुराण आदि समस्त आर्ष साहित्य के भाष्य कर जन सुलभ कराया। अनुयायी उन्हें चलता फिरता "एनसाइक्लोपीडिया" कहते थे। समय की मांग के अनुरूप जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अभिनव प्रेरणा व संवेदना जगाती "युग संजीवनी" के रूप में 3200 पुस्तकों का सृजन उनकी अद्वितीय लेखकीय क्षमता का द्योतक है। उन्होंने देशभर में सांस्कृतिक जनजागरण के लिए एक विशाल पुरोहित वर्ग खड़ा किया। "इक्कीसवीं सदी-नारी सदी" की घोषणा कर आचार्यवर ने उस युग के बुद्धिजीवी वर्ग में खलबली मचा दी थी क्योंकि तब किसी ने इस बात की कल्पना भी नहीं की थी। आचार्यश्री नारी शक्ति के सच्चे संरक्षक बनकर आगे आए। उन्होंने स्त्री सशक्तिकरण के लिए काफी संघर्ष किया। दहेजमुक्त विवाह से लेकर लड़का-लड़की का भेद मिटाने को आंदोलन चलाकर जागरूकता फैलायी।

आचार्यश्री को वैज्ञानिक अध्यात्म का प्रणेता माना जाता है। अध्यात्म और विज्ञान के समन्वय के लिए वैज्ञानिक शोध की अभिनव प्रयोगशाला "ब्रह्मवर्चस" द्वारा उन्होंने धर्म के सनातन सूत्रों की वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अभिनव व्याख्या कर देश के बुद्धिजीवी वर्ग का ध्यान आकृष्ट किया। इसी क्रम में डा. प्रणव पांड्या के नेतृत्व में आचार्यश्री के सपनों के शिक्षा केंद्र‘ देवसंस्कृति विश्वविद्यालय’ ने बीते दो दशकों में नैतिक मूल्यों पर आधारित रोजगारपरक शिक्षा देने की दिशा में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक कीर्तिमान स्थापित किये हैं। शिक्षा व सुसंस्कारिता के समन्वय की परिकल्पना को साकार करते हुए यह अनूठा शिक्षा केन्द्र, आधुनिक शिक्षा पाठ्यक्रम के साथ सुसंस्कारिता संवर्धन की दिशा में जिस रूप में गतिमान है, वह उज्जवल भविष्य की सुखद उम्मीद जगाता है।

हंसवाहिनी माता के प्रादुर्भाव का शुभ दिन मां गायत्री के इस सिद्ध साधक के जीवन का श्रृंगार था। 15 वर्ष की किशोरवय में इसी शुभ दिन उनका अपने जन्म जन्मांतरों की हिमालयवासी गुरुसत्ता से प्रथम साक्षात्कार हुआ था। वर्ष 1926 में स्थापित अखंड दीप जो आज भी शांतिकुंज में सतत प्रज्ज्वलित है, की स्थापना से लेकर अखंड ज्योति पत्रिका और गायत्री तपोभूमि तथा युगनिर्माण योजना, मथुरा से लेकर गायत्री तीर्थ शांतिकुंज की स्थापना तक प्रत्येक शुभ कार्य वसंत पर्व को ही शुरू हुआ था।

अपने प्रखर साधनात्मक तप से समाज को नयी दिशाधारा देने वाले मां गायत्री के इस वरद पुत्र का व्यक्तित्व इतना चुम्बकीय था, उनके संपर्क से स्वतः ही व्यक्ति का कायांतरण हो जाता था। अपने सहज स्वभाव की स्नेह संजीवनी के बलबूते लाखों व्यक्तियों को सद्ज्ञान की मशाल थमाने वाले आचार्यश्री एक ऐसी अवतारी चेतना थे जिनके द्वारा स्थापित अखिल भारतीय गायत्री परिवार समाज में सत्प्रवृत्तियों के संवर्धन में जुटा हुआ है।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies