पाकिस्तान में मजहबी उन्मादियों की नफरत का निशाना बनाया गया है इतिहास में अपनी वीरता और धर्मरक्षा के लिए प्रसिद्ध सिख योद्धा हरि सिंह नलवा की प्रतिमा को। खालसा सेना के प्रमुख सेनापति हरि सिंह नलवा की खैबर पख्तूनख्वा में एक चौक पर लगी मूर्ति को आखिरकार हटा दिया गया। बताया जाता है कि इलाके के मजहबी उन्मादी बहुत दिन से इस प्रतिमा को हटाने का दबाव डाल रहे थे। प्रशासन की यह हरकत एक बार फिर साफ करती है कि वहां हिन्दू—सिख इतिहास को मिटा देने का षड्यंत्र बेलगाम जारी है।
प्राप्त समाचारों के अनुसार, महान सिख योद्धा की यह प्रतिमा खैबर पख्तूनख्वा में हरिपुर में सिद्दीकी–ए–अकबर चौक पर लगी थी। इस स्थान का नाम भी हरि सिंह नलवा के नाम पर ही रखा गया था। 25 लाख रुपए खर्च करके धातु की आठ फुट लंबी इस प्रतिमा को गत सितंबर में हरिपुर शहर की सौंदर्यीकरण योजना के अंतर्गत लगाया गया था।
भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि पाकिस्तान सरकार देश के सिख इतिहास और विरासत को मिटाने की कोशिश कर रही है। सिरसा ने ट्वीट करके कहा है कि ‘पाकिस्तान की सरकार ने वादा किया था कि हरि सिंह नलवा की हवेली की मरम्मत की जाएगी। लेकिन अभी तक वह किया नहीं गया है। अब, हरि सिंह नलवा की प्रतिमा को हटाना सिख इतिहास और विरासत को धूमिल करने का एक और तरीका ढूंढा गया है। हम इसकी कड़े शब्दों में इसकी निंदा करते हैं तथा प्रतिमा को फिर से स्थापित करने की मांग करते हैं।’
लेकिन जबसे यह मूर्ति इस चौराहे पर लगाई गई थी तबसे ही स्थानीय मजहबी उन्मादियों को इसे देखकर चिढ़ होती थी। उन्होंने दबाव बनाना शुरू कर दिया कि चौक से यह मूर्ति हटाई जाए। और अब आखिरकार प्रशासन ने प्रतिमा को उस चौक से हटा दिया है। असल में तमर्ति हटाने से पहले इस चौक का नाम इस्लाम के पहले खलीफा हजरत अब्दुल बकर रख दिया गया था, तबसे उन्मादियों को हरि सिंह नलवा की वह प्रतिमा और खटकने लगी थी। महाराजा हरि सिंह नलवा की मूर्ति को जीटी रोड पर ही कुछ देर ले जाया गया है, जहां बताते हैं खलीफा के नाम पर सिद्दीकी–ए–अकबर चौक बनेगा और मूर्ति वहां लगाई जाएगी। लेकिन स्थानीय सिखों को संदेह है कि ऐसा किया ही जाएगा।
इस प्रकरण पर भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि पाकिस्तान सरकार देश के सिख इतिहास और विरासत को मिटाने की कोशिश कर रही है। सिरसा ने ट्वीट करके कहा है कि ‘पाकिस्तान की सरकार ने वादा किया था कि हरि सिंह नलवा की हवेली की मरम्मत की जाएगी। लेकिन अभी तक वह किया नहीं गया है। अब, हरि सिंह नलवा की प्रतिमा को हटाना सिख इतिहास और विरासत को धूमिल करने का एक और तरीका ढूंढा गया है। हम इसकी कड़े शब्दों में इसकी निंदा करते हैं तथा प्रतिमा को फिर से स्थापित करने की मांग करते हैं।’
उल्लेखनीय है कि महान योद्धा हरि सिंह नलवा खालसा सेना के मुख्य सेनापति थे। उन्होंने महाराजा रणजीत सिंह के साम्राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उन्होंने कम से कम बीस प्रमुख और ऐतिहासिक युद्धों में खालसा सेना के योद्धा की भूमिका निभाई थी।
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