मालेगांव ब्लास्ट 2008 मामले में एक और गवाह अदालत में मुकर गया। यह 17वां गवाह है जिसने मालेगांव विस्फोट 2008 मामले में गवाही देने से इनकार कर दिया। इससे पहले भी कई गवाह अपने बयानों से मुकर चुके है।
गवाह पर बनाया गया था दबाव
गवाह ने विशेष एनआईए अदालत में गवाही दी। एटीएस ने उसका बयान उस वक्त दर्ज किया था, जब वह मामले की जांच कर रहा था। एनआईए ने मामले की जांच की जिम्मेदारी बाद में संभाल ली थी। गवाह ने अपनी गवाही के दौरान अदालत को बताया कि एटीएस के ने उसे तीन-चार दिनों तक बंधक बनाकर रखा और उसके ऊपर दबाव बनाकर आरएसएस नेताओं का नाम लेने को कहा।
इससे पहले 16 गवाहों ने बदला बयान
बता दें की इससे पहले भी 16 गवाह अपने बयान से मुकर चुके हैं। एक गवाह ने तो अपने बयान से पलटते हुए सनसनीखेज आरोप लगाए थे और कहा था कि एटीएस की ओर से उस पर दबाव था कि वह योगी आदित्यनाथ का इस मामले में नाम ले। इसके अलावा आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार और स्वामी असीमानंद का नाम लिए जाने का दबाव डालने का दावा किया था।
परमबीर सिंह थे एटीएस के ACP
जब मालेगांव कस्बे में विस्फोट हुआ था उस वक्त मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह एटीएस के अतिरिक्त आयुक्त थे और 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की जांच की थी। वर्तमान में परमबीर सिंह जबरन वसूली के कई मामलों आरोपी है और इस संदर्भ में परमबीर की जाँच चल रही है।
टिप्पणियाँ