बरेली के आला हजरत दरगाह के प्रमुख मौलाना सुभानी मियां के दामाद सैय्यद आसिफ मियां को ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के सामने प्रत्याशी बनाया तो बवाल हो गया। जानकारी के मुताबिक आसिफ मियां पहले भी राजनीति में अपने भाग्य आजमा चुके हैं, लेकिन उनका राजनीति में आना दरगाह के मौलानाओं को पसंद नहीं, इसलिए उन्होंने आसिफ मियां को दरगाह से तनख़य्यिया (सम्बंध विच्छेद) घोषित कर दिया।
दरअसल मौलाना सुभान रजा खां सुभानी मियां को राजनीति से नहीं बल्कि, ओवैसी की पार्टी से एतराज रहता है। जिसकी वजह से उन्होंने अपने दामाद को सम्बंध तोड़ते हुए उन्हें दरगाह के सभी पदों से भी मुक्त कर दिया है। दरगाह के सज्जदा नशीन मुफ़्ती हसन रजाखान कादरी ने भी आसिफ मियां के ओवैसी की पार्टी से चुनाव लड़ने पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा है कि ओवैसी मुस्लिमों को बांट रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जाकर चुनाव लड़ने का कोई औचित्य नहीं है।
उधर आसिफ मियां का कहना है चुनाव लड़ना हमारा अधिकार है इसमें मौलवियों को दखल नहीं देना चाहिए। मुझे अपनी मर्यादाओं का पता है। मैं उत्तराखंड में मुख्यमंत्री को हराने आया हूं हराकर वापस जाऊंगा, मैं खटीमा का रहने वाला हूं यहां के लोग मुझे चाहते हैं।
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