पाकिस्तान और चीन की सरकारी वेबसाइट आदि पर भारत के अधिकृत नक्शे को गलत दिखाने की उन देशों की शरारत कोई नई बात नहीं है। भारत सरकार ने अनेक अवसरों पर आधिकारिक तौर पर दोनों ही देशों के विदेश मंत्रालयों से इस हरकत की शिकायत की है। इतना ही नहीं, ट्विटर और गूगल भी अपनी वेबसाइट पर भारत के नक्शे को गलत दिखाते रहे हैं, इस पर भी भारत की ओर से दोनों संस्थानों को कड़े शब्दों में सावधान किया गया है। अब ताजा उदाहरण विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट का है। इस संगठन ने भी कोविड—19 की ताजा जानकारी देने वाले विश्व के नक्शे में जम्मू—कश्मीर को पाकिस्तान का अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा दिखाया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का यह छलावा सामने आने पर तृणमूल कांग्रेस सांसद डॉ. शांतनु सेन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को टैग करते हुए ट्वीट करके इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट में लिखा,''विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोविड—19 साइट पर भारत के नक्शे में जम्मू-कश्मीर का अलग रंग था और उसके अंदर भी एक छोटा हिस्सा अलग रंग से दर्शाया था। जब उन पर क्लिक किया तो पाकिस्तान और चीन के कोविड के आंकड़े दिखाई दिए।'' इतना ही नहीं, डॉ. सेन ने संगठन की वेबसाइट पर दिए भारत के उस गलत नक्शे के स्क्रीनशॉट साझा किए। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मामले में दखल देकर कार्रवाई करने का भी अनुरोध किया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर भारत के नक्शे को भ्रामक तरीके से दर्शाने का मुद्दा भी आम जनता में रोष व्याप्त कर गया है। भारत सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस हरकत के प्रति अपनी कड़ी शिकयत दर्ज कराई है। भारत के विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने बताया कि भारत के इस विषय में आपत्ति जताने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 'डिस्क्लेमर' जारी किया है।
हैरानी की बात नहीं कि चीन के प्रति स्पष्टत: झुकाव वाले राष्ट्रपति शी जिनपिंग की शह पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक बने डॉ. तेद्रोस ने इसका संज्ञान ही न लिया हो। बहुत हद तक संभव है, उनके इस 'झुकाव' से परिचित इसके जिम्मेदार अधिकारियों ने जानबूझकर विश्व के नक्शे में जम्मू-कश्मीर तथा अरुणाचल प्रदेश को क्रमश: पाकिस्तान तथा चीन का हिस्सा दिखाया हो। ध्यान रहे, पाकिस्तान दुनियाभर में चीन के पिट्ठू देश के रूप में बदनाम है।
उल्लेखनीय है कि टि्वटर जैसा अंतरराष्ट्रीय सोशल मीडिया प्लेटफार्म और सर्च इंजन गूगल भी ऐसी हरकतें करके भारत के नक्शे से जम्मू-कश्मीर को अलग दिखाते रहे हैं। टि्वटर ने 2021 में भारत के नक्शे से जम्मू-कश्मीर को अलग दिखाने की कोशिश की थी। इससे पहले, ट्विटर ने 2020 में लद्दाख के लेह को चीन का हिस्सा दिखाने की शरारत की थी। उधर सर्च इंजन गूगल द्वारा उसके 'ट्रेंड्स' वाले हिस्से में भारत का गलत नक्शा दिखाया गया था। उस नक्शे में जम्मू—कश्मीर तथा लद्दाख के कई भाग गायब कर दिए गए थे।
गूगल की उस शरारत पर अनेक लोगों ने सोशल मीडिया पर अपना आक्रोश व्यक्त किया और कहा कि जल्द से जल्द भारत का नक्शा सुधारा जाए। भारत सरकार ने अपनी तरफ से जम्मू—कश्मीर तथा लद्दाख को केंद्र शासित क्षेत्र घोषित किए जाने के बाद दोनों जगहों का बिल्कुल स्पष्ट नक्शा जारी किया था। लेकिन तब भी, गूगल तथा ट्विटर जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म दोनों ही जगहों को लेकर बेवजह संदेह पैदा करने की हरकत से बाज नहीं आए। भारत की ओर से इस पर कड़ी आपत्ति जताई गई थी।
बहरहाल, विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर भारत के नक्शे को भ्रामक तरीके से दर्शाने का मुद्दा भी आम जनता में रोष व्याप्त कर गया है। भारत सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस हरकत के प्रति अपनी कड़ी शिकयत दर्ज कराई है। भारत के विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने भारत की तरफ से ऐतराज जताने और शिकायत करने की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि भारत के इस विषय में आपत्ति जताने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 'डिस्क्लेमर' जारी किया है।
विदेश राज्य मंत्री ने राज्यसभा में पूछे गए एक प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए कहा, ''विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर भारत के नक्शे को गलत दिखाने का मुद्दा विश्व स्वास्थ्य संगठन के सामने बलपूर्वक उठाया गया है''। मुरलीधरन ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार हमेशा से अपनी सीमाओं को लेकर एकदम स्पष्ट रही है। डब्ल्यूएचओ भी सीमाओं के सही चित्रण पर भारत सरकार की स्थिति को साफतौर पर दोहराता है।
विदेश राज्य मंत्री की शिकायत के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जिनेवा स्थित भारत के स्थायी मिशन को सूचित किया है कि उन्होंने पोर्टल पर एक 'डिस्क्लेमर' लगाया है। इस 'डिस्क्लेमर' में लिखा गया है कि "इस सामग्री की प्रस्तुति विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों या संगठन की ओर से किसी भी राय को अभिव्यक्त नहीं करती है। नक्शे पर बिन्दुओं और रेखा की मदद से अनुमानित सीमा रेखाएं दर्शाई गई हैं, जिन पर अभी तक पूर्ण सहमति नहीं बन सकी है।"
A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.
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