पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी चुनाव में ऐन मौके पर घिरते नजर आ रहे हैं। राज्य में हो रहे अवैध रेत खनन के मामले में राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने पंजाब पुलिस प्रमुख वीके भांवरा को जांच करने को कहा है। डीजीपी को दिए आदेश में राज्यपाल ने कहा है कि वह इस मामले की पल—पल की रिपोर्ट उन्हें सौंपे। दूसरी ओर कांग्रेस ने संघवाद का हवाला देकर इस जांच को रोकने की मांग की है। राज्यपाल ने पुलिस महानिदेशक वीके भांवरा को आदेश दिए हैं कि वह चन्नी के खिलाफ उनके विधानसभा क्षेत्र चमकौर साहिब के गांव दापुर में हो रही अवैध रेत माइनिंग की उच्च स्तरीय जांच करें और पूरे मामले की पल पल की रिपोर्ट सौंपे। गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने गत दिनों अवैध रेत खनन मामले में छापेमारी कर लुधियाना में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे भूपिंदर सिंह हनी के आवासीय परिसर से 7.9 करोड़ रुपये, रोलैक्स की घड़ी और 21 लाख का सोना बरामद किया था। साथ ही उसके करीबी से लुधियाना निवासी संदीप कुमार से भी दो करोड़ मिले थे। इस मामले में 10.7 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई थी। इस छापामारी के बाद मुख्यमंत्री और कांग्रेस भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गई और चन्नी के निर्वाचन क्षेत्र चमकौर साहिब में कथिततौर पर हो रहे अवैध खनन के मुख्यमंत्री से जुड़े होने के समाचार आने लगे। उसी के बाद राज्यपाल ने इन आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं।
राज्यपाल की ओर से जारी आदेश पर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने ट्वीट करके कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने कहा कि एक तरफ ड्रग मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया को ध्यान में रखा। लेकिन, राज्यपाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच के आदेश देते हुए ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि संवैधानिक औचित्य को तो भूल ही जाइए यहां तो संघवाद ही ध्वस्त हो गया। चुनाव आयोग को इस आदेश को रोकना चाहिए। फिलहाल पहले से ही मुश्किलों में घिरी पंजाब कांग्रेस के लिए यह अत्यन्त अशुभ समाचार है।
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