संयुक्त राष्ट्र की हाल में आई एक रिपोर्ट चौंकाने वाली है। इसमें बताया गया है कि यमन में हूती विद्रोहियों के शिविरों में बच्चे भी भर्ती हैं। इन बच्चों में से करीब 2,000 की विद्रोहियों की विभिन्न लड़ाइयों में मौत हो चुकी है। रिपोर्ट ने यह आंकड़ा जनवरी 2000 से मई 2021 तक के बीच का बताया है।
यमन को आधार बनाकर अपनी विध्वंसक गतिविधियां चला रहे हूती विद्रोहियों ने गत कुछ वर्षों से बच्चों को भी अपनी गतिविधियों से जोड़ा हुआ है। इन विद्रोहियों के कई ऐसे शिविर चल रहे हैं जहां ये बच्चों को भर्ती करके विद्रोही गतिविधियों का प्रशिक्षण देते हैं। ऐसे कई शिविरों में बच्चों को प्रशिक्षण दिए जाने की खबरें मिलती रही हैं।
ऐसे ही शिविरों पर संयुक्त राष्ट्र की यह रिपोर्ट प्रकाश डालती है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जनवरी 2020 से मई 2021 के बीच हूती विद्रोहियों के संघर्षों में 2,000 से ज्यादा बच्चे मारे गए हैं।
रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने बताया है कि कुछ स्कूलों और एक मस्जिद में गर्मियों के दौरान ऐसे प्रशिक्षण शिविरों की पड़ताल की गई थी। इनमें हूती विद्रोहियों को अपनी विध्वंसक सोच का प्रसार करते पाया गया है। इसके अलावा जांचकर्ताओं ने यमन की अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार के साथ सात साल से चले आ रहे संघर्ष में बच्चों को भर्ती किए जाने की खबरों की भी पुष्टि की।
रिपोर्ट आगे बताती है कि यमन में हूती विद्रोहियों ने शिविरों में प्रशिक्षण के लिए बच्चों को भर्ती किया है। बीते करीब एक साल में 2,000 से ज्यादा बच्चों की मौत होने के बावजूद ईरान का कथित सहयोग प्राप्त हूती विद्रोही छोटी उम्र के लड़कों और बच्चों को अपने संघर्षों से जुड़ने का अभियान चलाता आ रहा है और इसके लिए शिविर लगाता आ रहा है।
दो दिन पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की चार सदस्यों वाली इस जांच समिति की इस रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने बताया है कि कुछ स्कूलों और एक मस्जिद में गर्मियों के दौरान ऐसे प्रशिक्षण शिविरों की पड़ताल की गई थी। इनमें हूती विद्रोहियों को अपनी विध्वंसक सोच का प्रसार करते पाया गया है। इसके अलावा जांचकर्ताओं ने यमन की अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार के साथ सात साल से चले आ रहे संघर्ष में बच्चों को भर्ती किए जाने की खबरों की भी पुष्टि की।
जांच समिति का कहना है कि हूती विद्रोहियों की तरफ से प्रशिक्षण शिविरों में भर्ती किए गए 1,406 बच्चों की सूची मिली। ये बच्चे 2020 में संघर्ष में मारे गए हैं। इतना ही नहीं, ऐसे 562 बच्चों के नामों की भी एक सूची मिली जिनकी मौत जनवरी—मई 2021 के बीच हुई थी। अनुमान है कि मारे गए बच्चों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है।
टिप्पणियाँ