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अब वाघा सीमा से सीधे अफगानिस्तान जाएगा भारत का गेहूं, खत्म हुई पाकिस्तानी अड़चन

by WEB DESK
Jan 31, 2022, 02:15 am IST
in विश्व, दिल्ली
Representational image

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एक ओर अफगान जनता भूखों मरने की कगार पर है, दूसरी ओर, इस्लामी पड़ोसी भारत की इस मदद के रास्ते में तमाम अड़ंगे लगाता आ रहा था लेकिन अब पाकिस्तानी अड़चनें खत्‍म हो गई हैं

आखिरकार अफगानिस्तान के तालिबान हुक्मरानों के दबाव के आगे पाकिस्‍तान को घुटने टेकने पड़े हैं और भारत से अफगानिस्तान भेजे जाने वाले गेहूं के लिए रास्ता साफ किया गया है। अब पाकिस्‍तान इस बात के लिए तैयार हो गया है कि वह भारतीय गेहूं को अफगानिस्तान के ट्रकों पर लादकर वाघा सीमा से सीधे वहां जाने देगा। 

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान भारत की तरफ से भेजी जाने वाली इस मानवीय सहायता  को भी सियासी चश्मे से देख रहा था। एक ओर अफगान जनता भूखों मरने की कगार पर है, दूसरी ओर, इस्लामी पड़ोसी भारत की इस मदद के रास्ते में तमाम अड़ंगे लगाता आ रहा था। जबकि तालिबान सरकार भारत के इस राहत के हाथ के लिए शुक्रिया अदा करती आ रही है। लेकिन अब अफगान सरकार ने ऐसा दबाव डाला कि इस्लामी पाकिस्तान रास्ते पर आया है। अब काबुल भेजे जाने वाले भारत के गेहूं से पाकिस्‍तानी अड़चनें खत्‍म हो गई हैं।

 

दैनिक 'एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून' के अनुसार, पाकिस्‍तान ने अब तक भारत और अफगानिस्‍तान के बीच सीधे द्विपक्षीय व्‍यापार की अनुमति नहीं दी थी। पाकिस्‍तान ने अफगानिस्‍तान में मानवीय हालात को देखते हुए बस एक बार के लिए 50 हजार टन गेहूं भेजने की इजाजत दी है। यह गेहूं वाघा के रास्ते काबुल भेजा जाएगा।

 

भारत पिछले कुछ महीनों से लगातार अफगानिस्‍तान के भूख से बेहाल आमजन के लिए गेहूं भेजने की कोशिश कर रहा है। और यह पहली बार नहीं है जब भारत ने अफगान लोगों के हित में कोई कदम उठाया है। पिछले अनेक वर्षों से भारत अफगानिस्तान के विकास कार्यों में अपनी तरफ से पूरी मदद करता आ रहा है। बात चाहे वहां सड़कों, पुलों व अन्य ढांचागत सुविधाओं को तैयार करने की हो, या बच्चों के लिए स्कूल बनाने की, भारत ने अरबों रुपए अफगानिस्तान में खर्च किए हैं। लेकिन पाकिस्‍तान सदा से यह कोशिश करता रहा है कि भारत अफगानिस्तान की मदद न कर पाए, भारत की वहां कोई भूमिका न दिखे, जिससे वह उसका रणनीतिक लाभ ले सके। इसी तरह की अड़चनें उसने भारत से अब भेजे जा रहे गेहूं के रास्ते में भी डाली हैं। 

लेकिन अब वह बाधा हट गई है और भारत फरवरी में शुरुआती दिनों से ही वाघा सीमा से अफगानिस्‍तान के लिए सीधे गेहूं भेजना शुरू कर देगा जिससे आम अफगानियों को भूखे न मरना पड़े। माना जा रहा है कि यह रसद आपूर्ति अपने आप में ऐतिहासिक पहल होगी, जब भारत से गेहूं सीधे बरास्ते पाकिस्‍तान अफगानिस्‍तान पहुंचेगा। 

पाकिस्‍ताने के दैनिक 'एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून' के अनुसार, पाकिस्‍तान ने अब तक भारत और अफगानिस्‍तान के बीच सीधे द्विपक्षीय व्‍यापार की अनुमति नहीं दी थी। पाकिस्‍तान ने अफगानिस्‍तान में मानवीय हालात को देखते हुए बस एक बार के लिए 50 हजार टन गेहूं भेजने की इजाजत दी है। यह गेहूं वाघा के रास्ते काबुल भेजा जाएगा। इस दैनिक के अनुसार, वा किया कि यह गेहूं फरवरी में भेजा जाना शुरू होगा। सहमति बनी है कि भारत 30 दिनों के अंदर 50 हजार टन गेहूं अफगानिस्‍तान भेजेगा। राजनीतिक गलियारों में माना यही जा रहा है कि तालिबान के विदेश मंत्री की दखल के बाद, पाकिस्तन दबाव में आया है और उसने अपनी अकड़ ढीली की है। 

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