फिल्म सेंसर बोर्ड की मंजूरी के बिना ओटीटी (OTT) मंच पर महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे पर बनी फिल्म ‘Why I Killed Gandhi‘ के प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए सवोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। यह याचिका सिकंदर बहल की ओर से अधिवक्ता अनुज भंडारी ने दायर की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि फिल्म में महात्मा गांधी की छवि को बदनाम करने की कोशिश गई है। फिल्म के जरिये नफरत फैलाने व शांति भंग करने का प्रयास किया गया है।
वैसे तो यह फिल्म 2017 में ही बन गई थी, लेकिन विवाद के कारण थियेटर तक नहीं पहुंच पाई। इस फिल्म में राकांपा नेता और सांसद अमोल कोल्हे नाथूराम गोडसे की भूमिका में हैं। याचिकाकर्ता ने कहा है कि फिल्म "व्हाई आई किल्ड गांधी" नाथूराम गोडसे द्वारा महात्मा गांधी की हत्या और अदालत के मुकदमे पर आधारित है। फिल्म में नाथूराम गोडसे का महिमामंडन किया गया है और गांधी की छवि को गलत तरीके से पेश करने की कोशिश की गई है। सेंसर बोर्ड ने भी इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दिया था, इसके बावजूद इसे ओटीटी मंचों पर महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर प्रदर्शित करने की तैयारी है। इसी दिन नाथूराम गोडसे ने गांधीजी की हत्या की थी।
याचिका में किसी भी ओटीटी मंच या सोशल मीडिया पर किसी भी तरह से फिल्म या इसकी किसी भी सामग्री के प्रदर्शन या प्रकाशन पर रोक लगाने की मांग की गई है। प्रतिवादियों को सभी ऑनलाइन मंचों से फिल्म की सभी सामग्री को हटाने का निर्देश देने के साथ यह सुनिश्चित करने की भी मांग की गई है कि ओटीटी मंच पर प्रदर्शित होने वाली सभी फिल्मों और मीडिया को प्रतिवादी बोर्ड या विशेष रूप से इस उद्देश्य से गठित किसी अन्य बोर्ड या प्राधिकरण द्वारा विनियमित, प्रमाणित और सेंसर किया जाए। याचिकाकर्ता के अनुसार, राइट्स मीडिया इंटरनेशनल के बैनर तले कल्याणी सिंह द्वारा इस फिल्म का निर्माण किया गया है। फिल्म का ट्रेलर 22 जनवरी को जारी किया गया था।
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