चीन ने कल रक्षा मंत्रालय की अपनी प्रेस वार्ता के माध्यम से जहां भारत—अमेरिका के मुधुर होते संबंधों पर अपनी भड़ास निकाली है वहीं भारत से अपनी सीमा वार्ता को सकारात्मक बताया है। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि भारत के साथ चल रही सीमा वार्ता रचनात्मक दिशा में बढ़ रही है। प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने अमेरिका के उस आरोप को भी सिरे से नकारा कि चीन अपने पड़ोसियों को धमकाता है।
उल्लेखनीय है कि भारत तथा चीन के बीच पूर्वी लद्दाख के गतिरोध के बाद से 14 दौर की सैन्य कमांडरों की वार्ता हो चुकी है। हालांकि चीन के अड़ियल रवैए की वजह से इसमें से अभी तक कोई ठोस परिणाम नहीं प्राप्त हुआ है। लेकिन, दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख में तनाव के बाद उठे मुद्दों पर आपसी बातचीत से किसी हल की तलाश हेतु सैन्य और राजनयिक माध्यमों से संवाद जारी रखने पर सहमत हैं।
गत 27 जनवरी को बीजिंग में प्रेस वार्ता में कर्नल कियान ने कहा कि अभी तक भारत के साथ हुई सैन्य-स्तर की बातचीत सकारात्मक रही है। उन्होंने कहा कि बीजिंग सीमा संबंधी मुद्दों को सही तरह से निपटाने के लिए नई दिल्ली के साथ मिलकर काम करेगा। कियान ने अमेरिका के उस बयान का भी खंडन किया कि चीन पड़ोसियों को धमकाता है।
चीनी रक्षा मंत्रालय ने व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी की टिप्पणी की आलोचना की जिसमें साकी ने कहा था कि चीन अपने पड़ोसी देशों को धकमा रहा है। साकी ने यह भी कहा था कि अमेरिका हालात पर नजर रख रहा है।
एक सवाल के जवाब में चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल कियान ने व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी की उस टिप्पणी की आलोचना की जिसमें साकी ने चीन पर आरोप लगाया था कि वह अपने पड़ोसी देशों को धकमा रहा है। साकी ने यह टिप्पणी गत 12 जनवरी को की थी। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने यह भी कहा था कि अमेरिका हालात पर नजर रख रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि बीजिंग भारत और अमेरिका के रिश्तों में बढ़ती गर्मजोशी से चिढ़ा हुआ है। वह नहीं चाहता कि भारत को अमेरिका जैसे शक्तिशाली दोस्त मिलें।
साकी के उक्त बयान पर कर्नल कियान का कहना है कि अमेरिका के कुछ नेता शब्दों पर कुछ ज्यादा ही जोर देने के शौकीन हैं। चीनी रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर कियान को उद्धृत करते हुए कहा गया है कि चीन-भारत सीमा से जुड़ा विषय दोनों देशों का आपसी मामला है, इसमें किसी तीसरे पक्ष के दखल का हम विरोध करते हैं।
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