पाकिस्तान और जिहाद अब पर्याय हो चुके हैं इसलिए वहां लोग विभिन्न जिहादी गुटों के लिए पैसे उगाहते रहे हैं। इन दिनों टीटीपी नाम के आतंकी गुट ने पाकिस्तानी हुक्मरानों की नींद उड़ाई हुई है। पिछले कुछ महीनों में वहां हुए बम धमाकों और आतंकी हमलों में उसी का नाम सामने आता रहा है। उसी के लिए चंदा इकट्ठा कर रहे दो आतंकियों के मामले की सुनवाई करते हुए लाहौर उच्च न्यायालय ने निर्णय दिया है कि अब आतंक के लिए चंदा उगाही देशद्रोह की श्रेणी में आएगी।
इतना ही नहीं, उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में आगे कहा है कि टीटीपी एक बदनाम तथा गैरकानूनी गुट है जिसने कई सरकारी संस्थाओें और उच्च पदों पर कार्यरत लोगों को नुकसान पहुंचाया है। इस संगठन ने देश में कई आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिया है। इन टिप्पणियों के बाद ही उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने फैसला सुनाया कि अब से जिहाद या आतंक के लिए पैसा इकट्ठा करना देशद्रोह माना जाएगा।
लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अली बकार नजफी की अगुआई वाली दो सदस्यीय पीठ ने आतंक के लिए पैसा इकट्ठा करने को देशद्रोह की श्रेणी में माना है। अदालत ने कहा है कि किसी को भी जिहाद के लिए किसी भी तरीके से पैसा वसूलते पाया जाए तो उसके विरुद्ध देशद्रोह का मुकदमा दायर किया जाए।
इस फैसले के साथ ही उच्च न्यायालय ने दो जिहादियों की सजा के विरुद्ध अपील को निरस्त कर दिया। ये दोनों एक आतंकी गुट के लिए पैसा वसूली करते हुए पकड़े गए थे। तहरीके-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़े ये आतंकी, मुहम्मद इब्राहिम तथा उबैदुर रहमान पिछले साल सरगोधा से पकड़े गए थे। इसी जनवरी माह में पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधी अदालत ने उन्हें आतंकवादी वारदात के लिए पैसा इकट्ठा करने का दोषी ठहराया था और दोनों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई थी।
इसके बाद इन दोनों ने इस सजा के विरुद्ध लाहौर उच्च न्यायालय में अर्जी दी थी। उनकी उसी अपील पर सुनवाई पूरी करने के बाद न्यायमूर्ति अली बकार नजफी की अगुआई वाली दो सदस्यीय पीठ ने आतंक के लिए पैसा इकट्ठा करने को देशद्रोह की श्रेणी में माना और दोनों की सजा बहाल रखी। इसी फैसले के साथ अदालत ने कह दिया कि किसी को भी जिहाद के लिए किसी भी तरीके से पैसा वसूलते पाया जाए तो उसके विरुद्ध देशद्रोह का मुकदमा दायर किया जाए।
उल्लेखनीय है कि मुंबई हमलों का षड्यंत्रकारी जमात-उद-दावा का संचालक आतंकी हाफिज सईद जिहाद के लिए पैसा वसूलने के आरोप में ही लाहौर जेल में कैद है। जिहादी सईद को 36 साल कैद की सजा मिली हुई है। उसे संयुक्त राष्ट्र ने भी आतंकी घोषित किया हुआ है। अमेरिका ने हाफिज सईद पर एक करोड़ डालर का इनाम घोषित किया हुआ है।
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