पंजाब में क्‍यों बढ़ रही बेअदबी की घटनाएं?
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

पंजाब में क्‍यों बढ़ रही बेअदबी की घटनाएं?

by मनोज ठाकुर
Jan 27, 2022, 07:41 am IST
in भारत, पंजाब
अभी तक पंजाब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले सामने आ रहे थे, अब इसकी आंच हिंदू मंदिरों तक पहुंच गई है।

अभी तक पंजाब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले सामने आ रहे थे, अब इसकी आंच हिंदू मंदिरों तक पहुंच गई है।

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
पंजाब में 2015 से बेअदबी की घटनाओं की शुरुआत हुई। लेकिन उस समय भीड़ ने किसी की जान नहीं ली। सिंघु बॉर्डर पर निहंगों द्वारा बेअदबी के आरोप में एक युवक की निर्मम हत्‍या के बाद पंजाब में दो अलग-अलग स्‍थानों पर भीड़ ने दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया। उसके बाद कुछ दिन पहले फिर निहंगों ने एक महिला पर जानलेवा हमला किया और अब काली माता मंदिर में देवी का अपमान। स्‍पष्‍ट है कि कोई पंजाब के सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है।    

 

विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद पंजाब में बेअदबी की तीन घटनाएं हो चुकी हैं। दो घटनाएं अलग-अलग गुरुद्वारों में, जबकि एक घटना काली माता मंदिर में हुई। 22 वर्षीय युवक ने माता की प्रतिमा को अपवित्र करने की कोशिश की। पटियाला स्थित काली माता मंदिर हिंदुओं के लिए गहरी आस्था का केंद्र माना जाता है। यहां न सिर्फ पंजाब, बल्कि हरियाणा और हिमाचल से भी श्रद्धालु आते हैं। 

बेअदबी का पहला मामला उस समय सामने आया था, जब कथित किसान आंदोलन के दौरान दिल्‍ली में सिंघु बॉर्डर पर 15 अक्‍तूबर, 2021 को लखबीर नामक युवक की कुछ निहंगों ने हत्या कर दी थी। हालांकि बेअदबी की यह पहली घटना नहीं थी। लेकिन बेअदबी पर इस तरह से हत्या की यह पहली घटना थी। इसके बाद दिसंबर में स्वर्ण मंदिर में एक युवक ने बेअदबी की कोशिश की, जिसे पीट-पीट कर मार डाला गया। 20 दिसंबर को कपूरथला में भी भीड़ ने एक युवक पर बेअदबी का आरोप लगाते हुए हत्या कर दी थी। पुलिस ने जांच के बाद दावा किया था कि मामला बेहअदबी का नहीं, बल्कि चोरी का था। पुलिस ने हत्या के आरोप में चार लोगों को नामजद करते हुए 100 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 

पंजाब में बेअदबी का मामला 2015 से अकाली सरकार के दौरान ही जोर पकड़ने लगा था। बुर्ज जवाहर सिंहवाला में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटना इसलिए पहली बड़ी घटना थी, क्योंकि न्याय की मांग कर रहे लोगों पर 15 अक्‍तूबर को पुलिस ने गोली चलाई थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले 25 सितंबर, 2015 को बरगारी में गुरुद्वारा साहिब के पास पोस्टर चिपकाया गया था, जिसमें गलत भाषा प्रयोग किया गया था। इसमें दावा किया गया था कि गुरु ग्रंथ साहिब के जो स्वरूप चोरी हुए, उसके पीछे पीछे डेरा सच्चा सौदा सिरसा का हाथ है। इसमें सिखों को खुली चुनौती दी गई थी। इसके बाद 12 अक्‍तूबर को फरीदकोट में गुरु ग्रंथ साहिब के अंग मिले थे। 

2017 के विधानसभा चुनाव में बहिबल कलां और कोटकपूरा गोलीकांड के नाम पर अकाली दल सरकार को विपक्ष ने निशाना बनाया। पंजाब में तब स्थिति यह थी कि किसी दूसरे मुद्दे की बात ही नहीं हो रही थी। इसका परिणाम यह निकला कि अकाली दल के खिलाफ पंजाब में जबरदस्त माहौल बन गया। अकाली दल को अपने इतिहास में सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा। पंजाब में डेरों और उनकी सियासत पर शोध कर चुके पूर्व पत्रकार राजकुमार भारद्वाज ने बताया कि  पंजाब में पंथ बहुत संवदेशनील मुद्दा है। शरारती तत्व असानी से पंजाब में गड़बड़ी फैलाने के लिए लोगों की भावना को भड़का सकते हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब में हिंदुओं और सिखों के बीच एक सीमा रेखा है। जहां तक डेरों का सवाल है, इनके ज्यादातर अनुयायी वंचित समुदाय के हैं। पंजाब में इनकी सख्या भी अधिक है, इसलिए ये संख्या बल के हिसाब से जट  सिख पर भारी पड़ते हैं। 

डेरा सच्चा सौदा सिरसा का विवाद पंजाब में उस वक्त गहराना शुरू हो गया था, जब डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम जाम-ए-इंशा पिलाने का कार्यक्रम शुरू किया।  सिख समुदाय ने इसे अपने गुरु का अपमान माना। ऐसा नहीं है कि सिख और डेरे बीच पहले विवाद नहीं था। लेकिन इस तरह के कार्यक्रम से यह और ज्यादा गहराने लगा। अकाली दल पर आरोप लगते रहे कि वह डेरे की वोट की वजह से इस मुद्दे पर चुप है। चूंकि अकाली दल शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की राजनीति भी करता है, लिहाजा कांग्रेस को मौका मिल गया और उसने बेअदबी और गोली कांड को जोर-शोर से उठाया।

पत्रकार बलविंदर सिंह ने बताया कि अकाली दल जब दूसरी बार सत्‍ता में आई, तब कांग्रेस में फूट शुरू हो गई। कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने की कोशिश हो रही थी। लेकिन जब कैप्‍टन ने भाजपा के साथ मेलजोल शुरू किया तो कांग्रेस आलाकमान दबाव में आ गया। तय हुआ कि 20117 का चुनाव उनके नाम पर ही लड़ा जाएगा। लेकिन बाद में नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस में भारी पड़ना शुरू हो गए। उन्होंने नशे और अवैध रेत खनन के साथ-साथ बेअदबी का मामला बहुत आक्रमक तरीके से उठाया। इसका परिणाम यह निकला कि पंजाब के मतदाताओं में कांग्रेस और सिद्धू की एक अलग छवि बनी। इसी के दम पर सिद्धू कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष बनने में भी कामयाब रहे। 

कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भी सिद्धू ने बेअदबी के विरोध में गोलीकांड के मुद्दे को नहीं छोड़ा। वह अपनी सरकार में भी बार-बार यह मुद्दा उठाते रहे। यहां तक कि वे कैप्टन की आलोचना भी करने लगे। उन्‍होंने कैप्टन पर बादल सरकार के साथ मिलीभगत का आरोप भी लगाया, क्योंकि उनका मानना था कि गोलीकांड में बादल सरकार, खासतौर पर सुखबीर बादल की भूमिका की जांच होनी चाहिए। आखिर में सिद्धू कैप्टन पर भारी पड़े और चरणजीत सिंह चन्‍नी की सरकार बनी। सिद्धू चाहते थे कि बेअदबी कांड की जांच में तेज लाई जाए। लेकिन जब चन्‍नी ने एपीएस देओल को महाधिवक्‍ता नियुक्त कर दिया, तब सिद्धू उनसे नाराज हो गए। सिद्धू का कहना था कि देओल 2015 में बेअदबी का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश देने वाले तत्‍कालीन डीजीपी सुमेध सिंह के वकील थे। 

नेता यदि विकास के वादे करता है तो उसे उन्हें पूरे करने होंगे। इसके लिए रकम चाहिए। लेकिन धर्म के नाम पर वोट के लिए इस तरह की मशक्कत नहीं करनी पड़ती। धर्म भावनाओं से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसे भड़का कर आसानी से फायदा उठाया जा सकता है। पंजाब में बस यही हो रहा है। इससे ज्यादा कुछ नहीं। उन्होंने बताया कि पहले गुरुद्वारे में बेअदबी हो रही थी, फिर पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा विवादित वीडियो के साथ बीच में आ गए। अब पटियाला में काली मंदिर की घटना हो गई। इसके पीछे सिर्फ राजनीति है। इससे ज्यादा कुछ नहीं।

दिक्कत यह रही कि सिद्धू के बार-बार आवाज उठाने के बाद भी कांग्रेस राज में बेअदबी की घटनाएं नहीं थमीं। इन घटनाओं में नया मोड़ तब आया, जब पटियाला में देवी माता के मंदिर को अपवित्र करने की कोशिश हुई। हिंदू धर्म स्थल पर इस तरह की यह पहली बड़ी घटना है। जो पुलिस, प्रशासन, चुनाव आयोग समेत हिंदू संगठनों के साथ-साथ पंजाब के बुद्धिजीवियों लिए चिंता का विषय बनी हुई है। इनका मानना है कि यह सीधे-सीधे समाज को बांटने की कोशिश है। इन घटनाओं के पीछे उन विदेशी ताकतों का हाथ माना जा रहा है, जो विदेश में बैठकर पंजाब में गड़बड़ी फैलाने की कोशिश कर ही हैं। 

पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के विभागध्यक्ष डॉ. अशोक शर्मा का मानना है कि यह लोगों को भड़काने की कोशिश है। दिक्कत यह है कि इन घटनाओं की तह में जाने की कोशिश ही नहीं हो रही है। इनके पीछे कौन है? उसकी मंशा क्या है? अशोक शर्मा ने बताया कि निश्चित ही डेरा अनुयायियों और सिख समुदाय के बीच तनाव तो है, लेकिन यह इतना गहरा नहीं कि पंजाब के सामाजिक ताने-बाने को हिला सके। दोनों समुदाय की एक-दूसरे पर निर्भरता भी तो है। खेती अकेले सिख तो कर नहीं सकते,उन्हें गैरसिख समुदाय की मदद भी चाहिए। ऐसा भी नहीं है कि पंजाब का समाज धर्म-पंथ के आधार पर कई हिस्सों में बंट गया है। फिर भी यहां बेअदबी की घटनाएं हो रही हैं। अशोक शर्मा का कहना है कि हो सकता है इसके पीछे तीसरा ही कोई हो। जो दो समुदाय को भड़का कर अपना फायदा उठा रहा हो। वह राजनीतिक दल का नेता भी हो सकता है और विदेश में बैठा आतंकी भी। 

मंशा साफ है, एक वोट के लिए और दूसरा पंजाब को अशांत करने के लिए काम करता है। पत्रकार बलविंदर सिंह का मानना है कि धर्म सबसे आसान मुद्दा है। इसे उठा कर वोट हासिल करना आसान है। नेता यदि विकास के वादे करता है तो उसे उन्हें पूरे करने होंगे। इसके लिए रकम चाहिए। लेकिन धर्म के नाम पर वोट के लिए इस तरह की मशक्कत नहीं करनी पड़ती। धर्म भावनाओं से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसे भड़का कर आसानी से फायदा उठाया जा सकता है। पंजाब में बस यही हो रहा है। इससे ज्यादा कुछ नहीं। उन्होंने बताया कि पहले गुरुद्वारे में बेअदबी हो रही थी, फिर पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा विवादित वीडियो के साथ बीच में आ गए। अब पटियाला में काली मंदिर की घटना हो गई। इसके पीछे सिर्फ राजनीति है। इससे ज्यादा कुछ नहीं।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies