पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ी संस्था के एक कार्यक्रम में देश के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने लोकतंत्र की आलोचना करते हुए कहा कि देश अपने संवैधानिक मूल्यों से दूर जा रहा है। उन्होंने हिंदू राष्ट्रवाद के उभार को लेकर चिंता जताई है।
दरअसल गणतंत्र दिवस पर इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल की ओर से आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में हामिद अंसारी ने कहा कि हाल के वर्षों में हमने ऐसे ट्रेंड्स का उभार और वैसे व्यवहार देखे हैं, जो पहले से स्थापित नागरिक राष्ट्रवाद के खिलाफ हैं और ये सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की काल्पनिक व्यवस्था को लागू करते हैं। धार्मिक बहुमत को राजनीतिक एकाधिकार के रूप में पेश करके धर्म के आधार पर असहिष्णुता को बढ़ावा दिया जा रहा है और राजनीतिक शक्ति पर एकाधिकार करना चाहते हैं। ऐसे लोग चाहते हैं कि नागरिकों को उनकी आस्था के आधार पर अलग-अलग कर दिया जाए और असुरक्षा को बढ़ावा दिया जाए। ऐसे ट्रेंड्स को राजनीतिक और कानूनी रूप से चुनौती दिए जाने की जरूरत है।
मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने किया पलटवार
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने हामिद अंसारी के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मोदी की आलोचना करने का पागलपन अब भारत की आलोचना करने की साजिश में बदल गया है, जो लोग अल्पसंख्यकों के वोट का शोषण करते थे, वे अब देश के सकारात्मक माहौल से चिंतित हैं।भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कार्यक्रम का आयोजन करने वाली संस्था का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ संबंध है। इसका संबंध तमाम ऐसे संगठनों के साथ है जो पूरी दुनिया की शांति और सौहार्द को छिन्न-भिन्न करने के षड़यंत्र और साजिश में लगे हुए हैं। हैरत की बात है कि हमारे देश के एक संवैधानिक पद पर बैठ चुके व्यक्ति देश की छवि को लगातार खराब करने के षड्यंत्र और साजिशों में लिप्त संस्था के मंच से बात रख रहे हैं।
बता दें कि इस कार्यक्रम का आयोजन 17 अमेरिकी संगठन कराते हैं, इसमें भारतीय अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल भी शामिल है। त्रिपुरा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने शपथपत्र में आरोप लगाया था कि इस समूह का आईएसआई और अन्य उग्रवादी गुटों के साथ लिंक हैं। हालांकि संगठन ने त्रिपुरा सरकार के दावे को खारिज करते हुए कहा था कि यह एक अमेरिकी नागरिक अधिकार संगठन हैं।
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