आतंक को पालने—पोसने वाले और दुनियाभर में आतंकियों को भेजने वाले आतंक के पर्याय इस्लामी देश को ही 'आने वाले वक्त में आतंकी घटनाओं से हिलने' की चेतावनी दी जा रही है। और यह चेतावनी इसी देश के कुछ रणनीतिक विशेषज्ञ दे रहे हैं। पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेजी दैनिक में एक आलेख में इमरान सरकार को होशियार करता है कि आगे कुछ सप्ताह पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में बढ़ोतरी देख सकते हैं।
उधर भारत के इस्लामी पड़ोसी देश के गृह मंत्री शेख रशीद का कहना है कि अगस्त 2021 के बाद से पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाएं बढ़ी हैं। पिछले कुछ दिनों में वहां बढ़ी आतंकी घटनाओं को देखते हुए मीडिया ने इस बारे में विशेषज्ञों को उद्धृत करते हुए ऐसे कयास जारी किए हैं कि ये आतंकी घटनाएं अभी और बढ़ सकती हैं। गृह मंत्री का इस बारे में कहना है कि सरकार पूरी तरह से सतर्क है, सभी एजेंसियों को भी पूरी तरह चौक्न्ना रहने को कहा गया है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में लाहौर के अनारकली बाजार में बम धमाका किया गया था जिसमें तीन लोगों की मौत हुई, 26 अन्य घायल हुए थे।
रक्षा विशेषज्ञ मुहम्मद आमिर राणा ने द डॉन में अपने आलेख में लिखा है कि आतंकी गुट देश में डर फैलाना चाहते हैं। अगर आने वाले दिनों में देश में और आतंकवादी घटनाएं हुईं तो यह एक बड़ा संकट होगा। राणा के अनुसार, पाकिस्तान में सिर्फ टीटीपी ही आतंकी घटनाओं को अंजाम नहीं दे रहा है, बल्कि कुछ अन्य गुट भी हैं जिन्हें अल कायदा और ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट का सहयोग मिल रहा है।
पाकिस्तान के दैनिक द डान ने एक आलेख प्रकाशित किया है जिसका शीर्षक है—'ग्रोइंग टेररिज्म थिएटर्स'। इस आलेख में पाकिस्तान में बढ़ रहीं आतंकवादी घटनाओं और तहरीक'ए—तालिबान (टीटीपी) की गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की गई है। कहा गया है कि अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान में टीटीपी की आतंकी हरकतें बढ़ी हैं। रशीद की मानें तो पाकिस्तान में अगस्त 2021 के बाद से आतंकवादी घटनाओं में लगभग 35 प्रतिशत की बढ़त देखने में आई है। केन्द्रीय मंत्री रशीद ने यह भी कहा है कि जिन छोटे-छोटे आतंकी गुटों को तालिबान ने परास्त किया है, वे गुट पाकिस्तान में खौफ का माहौल बनाना चाहते हैं।
पाकिस्तान के रक्षा विशेषज्ञ मुहम्मद आमिर राणा ने द डॉन में अपने आलेख में लिखा है कि आतंकी गुट देश में डर फैलाना चाहते हैं। अगर आने वाले दिनों में देश में और आतंकवादी घटनाएं हुईं तो यह एक बड़ा संकट होगा। राणा के अनुसार, पाकिस्तान में सिर्फ टीटीपी ही आतंकी घटनाओं को अंजाम नहीं दे रहा है, बल्कि कुछ अन्य गुट भी हैं जिन्हें अल कायदा और ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट का सहयोग मिल रहा है।
भारत के इस्लामी पड़ोसी देश के कुछ सुरक्षा विशेषज्ञों को लगता है कि टीटीपी, अल कायदा और ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट के बीच कोई गुप्त समझौता हुआ है। उनका कहना है कि पाकिस्तान को इससे निपटने के लिए एक अलग तरह से सोचना होगा, अलग रणनीति बनानी होगी।
टिप्पणियाँ