प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की बेटियों को वित्तीय रूप से मजबूत बनाने के लिए कभी कोई अवसर नहीं छोड़ते हैं। इसलिए जब वे प्रधानमंत्री बने तो उसके लगभग आठ महीने के अंदर उन्होंने सुकन्या समृद्धि योजना को शुरू करवाया। इस योजना को लोगों ने बेहद पसंद किया है। यही कारण है कि सात साल में पूरे देश में सुकन्या समृद्धि योजना के दो करोड़ से अधिक खाते खुले हैं और इनमें 80,509.29 करोड़ रुपए जमा हैं। आंकड़ों के अनुसार 86 प्रतिशत खाते केवल डाकघरों में खुले हैं। इससे बच्चियों को तो लाभ हो रहा है, वहीं डाकघरों में भी जान आ गई है।
उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत जमा पैसे में सरकार 7.6 प्रतिशत ब्याज देती है। पीएफ के बाद यह एक मात्र ऐसी योजना है जहां निवेशकों को इतना अच्छा ब्याज मिलता है।
इस योजना के अंतर्गत 10 वर्ष से नीचे की बच्ची के नाम किसी डाकघर या बैंक में खाता खुलवाया जा सकता है। इसमें हर वर्ष न्यूनतम 250 रु. और अधिकतम 1,50,000 रु. जमा किए जा सकते हैं। खाताधारक बच्ची जब 21 वर्ष की हो जाती है तब यह योजना परपिक्व होती है। ऐसे बच्ची के 18 वर्ष होने पर उसकी उच्च शिक्षा या विवाह के लिए 21 वर्ष से पहले भी पैसा निकाला जा सकता है।
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