पाञ्चजन्य के संपादक को पितृशोक

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WEB DESK

पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकरजी के पिता श्री उदय शंकर सारस्वतजी 18 जनवरी, 2022 को गोलोकवासी हो गए। 72 वर्षीय श्री सारस्वत हापुड़ स्थित रसूलपुर के मूल निवासी श्री राम नारायण शर्मा के पुत्र थे। उनका जन्म दिल्ली के चावड़ी बाजार स्थित गली राजा केदारनाथ में हुआ था।

श्री सारस्वत प्राचार्य के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। एक शिक्षक के नाते उनका मानना था कि इस तंत्र पर विश्वास करना ही होगा, तभी समाज में चीजें ठीक होंगी। इसीलिए उन्होंने अपने सभी पुत्र-पुत्रियों और बाद की पीढ़ी के बच्चों को भी आग्रह पूर्वक सरकारी विद्यालयों में ही पढ़ाया।

श्री सारस्वत ने अपना संपूर्ण सामाजिक जीवन अनाथाश्रमों के बच्चों, कुष्ठ पीड़ितों और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के कल्याण के लिए समर्पित किया हुआ था। उनकी पत्नी श्रीमती संतोष सारस्वत एक होम्योपैथी चिकित्सक हैं, जिन्होंने चार दशक तक अपनी सेवाएं एक धर्मार्थ औषधालय को समर्पित की हैं।

श्री सारस्वत अपने पीछे पुत्र हितेश शंकर के अलावा अपने छोटे भाई रमाशंकर सारस्वत, बड़े पुत्र उमेश शंकर. पुत्रवधुओं श्रेया सारस्वत एवं मोनिका शर्मा, पुत्री मणिबाला के साथ ही साथ प्रपौत्र अभ्युदय शंकर, विनायक मनन सारस्वत और प्रपौत्रियों विदुषी सारस्वत एवं नित्या को छोड़ गए हैं। श्री सारस्वत के निधन से संपर्क परिवार में शोक की लहर है और समाज के विभिन्न तबकों की विभूतियों की ओर से संवेदना व्यक्त करने का सिलसिला जारी है।
श्री उदय शंकर जी के, समाज को समर्पित धर्मपरायण, श्रमनिष्ठ जीवन को, समस्त भारत प्रकाशन परिवार की ओर से आदरांजलि।    

 

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