इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपनाने वाले जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व नाम वसीम रिजवी) का आरोप है कि कुछ लोगों ने उनके घर में जबरदस्ती घुसकर उनकी पत्नी से मारपीट की। यतीमखाने में जो आवास उन्हें आवंटित किया गया था, उस पर आरोपियों ने अपना ताला लगा दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि सआदतगंज थाने में तैनात उप निरीक्षक की आरोपियों से मिलीभगत है।
जानकारी के अनुसार जितेंद्र नारायण त्यागी के घर में मरम्मत का कार्य चल रहा था। उनकी पत्नी फरहा फातिमा की ममेरी बहन निदा फातिमा भी घर में उपस्थित थीं। शुक्रवार शाम करीब 5.30 बजे अचानक कुछ लोग उनके घर में घुस गए। इसके बाद उन लोगों ने घर में काम कर रहे बढ़ई को गाली दी। निदा फातिमा ने इस घटना की सूचना फरहा को दी। फरहा ने तुरन्त थाना सआदतगंज की पुलिस को फोन करके घटना के बारे में बताया। कुछ देर बाद सआदतगंज थाने में तैनात दारोगा भी मौके पर पहुंचे।
फरहा फातिमा का आरोप है कि आरोपियों ने उनके साथ भी हाथापाई की एवं अपशब्दों का प्रयोग किया। थाने से आये दारोगा मूकदर्शक बने हुए थे। दारोगा ने फरहा फातिमा समेत घर के अन्य सदस्यों को घर से बाहर निकाल दिया और घर की चाबी भी ले ली। प्रभारी निरीक्षक सआदतगंज बृजेश कुमार यादव के अनुसार, वसीम रिजवी के शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रहते हुए यतीमखाने का एक मकान उनके रिश्तेदार के नाम से आवंटित हुआ था। अब वो आवंटन रद्द करके वफ्फ बोर्ड ने यह मकान किसी और को आवंटित कर दिया है। जिसको मकान आवंटित हुआ था वो शुक्रवार को कब्जा लेने पहुंचा था। वसीम की पत्नी इसका विरोध कर रही थीं। इसी मामले को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ था।
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