सिंगापुर में पिछले दिनों सैमसंग कंपनी के एक विज्ञापन पर वहां के मुस्लिमों ने ऐसा जबरदस्त विरोध दर्ज कराया कि कंपनी को विज्ञापन वापस लेना पड़ा। उल्लेखनीय है कि कंपनी ने सिंगापुर में एक विज्ञापन जारी किया था, जिसमें एक मुस्लिम मां अपने 'ड्रैग क्वीन' (लड़कियों के कपड़े पहनने वाला) बेटे को गले लगाकर उसे अपना समर्थन जताती दिख रही थी। सिंगापुर के सोशल मीडिया पर विरेाध भड़क उठा, मुस्लिमों ने आरोप लगाया कि यह एलजीबीटी यानी समलैंगिक सोच को बढ़ावा देने की कोशिश है।
मीडिया में आए समाचारों के अनुसार, इस विवाद पर 19 जनवरी को अपनी फेसबुक पोस्ट में सैमसंग का कहना था कि उसे पता था वीडियो असंवेदनशील तथा आक्रामक माना जा सकता है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंगापुर एलजीबीटीक्यू से जुड़े मुद्दों पर बहुत हद तक रूढ़िवादी बना हुआ है।
विवादित विज्ञापन सैमसंग के नए 'ईयरबड' और 'हार्ट रेट मॉनिटर' वाली स्मार्ट वॉच के लिए बनाया गया था। इसमें शामिल कई लोगों की प्रतिक्रियाओं को फिल्माया गया था जिन्होंने अपने प्रियजन के दिल से रिकॉर्ड किए गए संदेशों को सुना। प्रतिभागियों के जोड़े में से एक में एक मुस्लिम महिला को हिजाब पहने दिखाया गया था। उसने अपने बेटे से एक संदेश सुना, जो लड़कियों के कपड़े पहनता है।
अनेक मुस्लिमों की त्योरियां चढ़ा थीं, सोशल साइट्स पर आक्रोश फैल गया। कुछ ने कहा कि यह विज्ञापन मुस्लिम समुदाय के प्रति असंवेदनशील है।…एक व्यक्ति सैयद ने फेसबुक पर लिखा, 'हम समलैंगिकता और ट्रांसजेंडरवाद को रूढ़िवादी समाज की मुख्यधारा में लाने के खिलाफ हैं'।
बस इसी दृश्य ने अनेक मुस्लिमों की त्योरियां चढ़ा थीं, सोशल साइट्स पर आक्रोश फैल गया। कुछ ने कहा कि यह विज्ञापन मुस्लिम समुदाय के प्रति असंवेदनशील है। हालांकि कई ऐसे भी हैं जिन्होंने इसका पक्ष लिया और इसे हटाने की आलोचना की। एक व्यक्ति सैयद ने फेसबुक पर लिखा, 'हम समलैंगिकता और ट्रांसजेंडरवाद को रूढ़िवादी समाज की मुख्यधारा में लाने के खिलाफ हैं'।
एक रिपोर्ट कहती है कि यह विज्ञापन मलय-मुस्लिम समुदाय में सद्भाव पर असर डालता है। एक अन्य व्यक्ति मोहम्मद जुहैली ने लिखा इस वीडियो ने (मुस्लिम) समुदाय के बीच बहुत भ्रम फैलाया है और कई प्रश्न सामने रखे हैं। हालांकि सैमसंग ने बाद में इस वीडियो को अपने सभी सार्वजनिक प्लेटफार्मों से हटा दिया। कंपनी ने गत 19 जनवरी को अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'हम मानते हैं कि हम इस मामले में पिछड़ गए हैं'।
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