पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले अपने रिश्तेदारों के यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चरणजीत सिंह चन्नी सरकार चौतरफा घिर गई है। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तो पहले से ही चन्नी पर हमलावर हैं। भाजपा और अकाली दल ने भी मोर्चा खोल दिया है। इससे चन्नी भन्ना गए हैं। उन्होंने केजरीवाल पर मानहानि का मुकदमा करने की धमकी दी है। इसी बीच अकाली दल के बिक्रमजीत सिंह मजीठिया ने चन्नी पर करोड़ों रुपये का घोटाला करने का आरोप लगाते हुए बड़ा खुलासा करने का दावा किया है। उधर, ईडी छापेमारी पर सियासी घमासान में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी कूद गए हैं। उन्होंने कांग्रेस की चन्नी सरकार को ‘सूटकेस की सरकार’ करार दिया है। हालांकि कांग्रेस ईडी छापेमारी को ‘दलित विरोधी’ बता कर इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर चुनावी बढ़त लेने की कोशिश कर रही है, लेकिन अपने मंसूबों में वह सफल होती नहीं दिख रही है।
मजीठिया आज करेंगे खुलासा
अकाली नेता बिक्रमजीत मजीठिया आज चन्नी सरकार में हुए करोड़ों रुपये के घपले का खुलासा करने वाले हैं। उनका दावा है कि भ्रष्टाचार का पैसा कांग्रेस आलाकमान तक पहुंचा है। अगर ईडी ने चन्नी और उनके भाई मनमोहन सिंह के घर छापा मारा तो वहां 300 करोड़ रुपये बरामद होंगे। चन्नी के भांजे के यहां ईडी छापेमारी में 11 करोड़ रुपये से अधिक नकद और सोना बरामद हुआ है। इस मामले में कांग्रेस को चन्नी पर कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन उसके विपरीत पार्टी नेतृत्व चुनाव आयोग से ईडी छापे रोकने की मांग कर रहा है। इससे साबित होता है कि लूट का पैसा कांग्रेस आलाकमान तक पहुंचा है।
केजरीवाल बनाम चन्नी
ईडी छापे पर चन्नी और केजरीवाल के बीच तकरार बढ़ गई है। सीएम चन्नी ने केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री तो यहां तक कह चुके हैं कि चन्नी आम आदमी नहीं, बेईमान आदमी है। यह बात पंजाब के मुख्यमंत्री को नागवार गुजरी है। उन्होंने कहा है कि केजरीवाल हद पार कर गए हैं, इसलिए अब वे मानहानिक का मुकदमा करेंगे। चन्नी ने कहा है कि वे केजरीवाल को माफी देकर नहीं छोड़ेंगे। इसके लिए बाकायदा उन्होंने पार्टी से अनुमति मांगी है। चन्नी का कहना है कि ईडी की छापेमारी में रुपये कहीं और से मिले, लेकिन नोटों के साथ उनकी फोटो लगाकर उन्हें बदनाम किया जा रहा है। चन्नी ने यह भी कहा कि केजरीवाल का भतीजा भी 130 करोड़ रुपये के साथ पकड़ा गया था। साथ ही, सवाल उठाया कि केजरीवाल 200 रुपये कहां से खर्च कर रहे हैं? उन्हें बताना चाहिए। केजरीवाल मुख्यमंत्री चेहरे का चुनाव करने के लिए 21 लाख लोगों से फोन पर बात करने का दावा कर रहे हैं, जो फर्जी है। उन्हें फर्जी कॉल का भी हिसाब देना चाहिए।
कैप्टन बोले- सूटकेस की सरकार
उधर, पंजाब लोक कांग्रेस के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने चन्नी सरकार को ‘सूटकेस की सरकार’ करार देते हुए कहा कि आखिरी तीन महीने में चन्नी सरकार ने तबादला और स्थानांतरण का उद्योग चलाया। अवैध रेत खनन मुद्दे पर उन्होंने सोनिया गांधी को भी घेरा। उन्होंने कहा कि वे अवैध रेत खनन में किस मंत्री ओर विधायक पर कार्रवाई करें, इस पर सोनिया ने चुप्पी साध ली। खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर अफसोस जताते हुए कहा कि चन्नी के भांजे के खिलाफ छापेमारी उनके द्वारा दर्ज कराए गए मामले पर ही हुई है। उन्होंने ही जांच के आदेश दिए थे।
ध्यान भटकाने की कोशिश में कांग्रेस
चन्नी के भांजे भूपिंदर सिंह के घर व अन्य ठिकानों ईडी छापे पर घिरी कांग्रेस पूरे प्रकरण को अलग रंग देने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस इसे राजनीतिक प्रताड़ना और दलित विरोधी साबित करने में जुटी हुई है। कांग्रेस ने छापेमारी को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करार देते हुए चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है। कांग्रेस ने वित्त मंत्रालय, ईडी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई को राजनीतिक बदले से प्रेरित करार दिया है। पार्टी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने चुनाव आयोग से कहा है कि चुनाव से एक महीना पहले केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की जा रही छापेमारी पर संज्ञान ले। आयोग जरूरी निर्देश जारी करे, क्योंकि केंद्र सरकार कांग्रेस व खासतौर पर पंजाब के मुख्यमंत्री को बदनाम करने के इरादे से इस तरह की कार्रवाई करवा रही है। उन्होंने आयोग को बताया कि 7 मार्च, 2018 को राहों (नवांशहर) पुलिस स्टेशन में अवैध खनन के अधीन एक मामला दर्ज किया गया था। इसमें मुख्यमंत्री चन्नी के परिवार के किसी भी सदस्य या रिश्तेदार का नाम नहीं था। 10 जनवरी, 2019 को जब 34 आरोपियों के खिलाफ जिला अदालत में आरोप-पत्र दाखिल किया गया, तब भी उसमें मुख्यमंत्री के किसी करीबी का नाम नहीं था। मुख्य आरोपी कुदरतदीप सिंह के बयान पर ही मुख्यमंत्री के भांजे के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कहा कि असली मुद्दा यह नहीं है कि निदेशालय की छापेमारी का समय क्या है या भूपिंदर सिंह हनी का नाम प्राथमिकी में है या नहीं। मुद्दा यह है कि चन्नी खुद को आम आदमी कहते हैं, उनके रिश्तेदार के पास से 10 करोड़ रुपये, 12 लाख की घड़ी और 21 लाख रुपये का सोना कहां से आया? इसमें दलित का क्या लेना-देना? किस गरीब दलित के पास इतने पैसे होते हैं? कांग्रेस इतना डर क्यों रही है?
यह है मामला
ईडी ने गत मंगलवार और बुधवार को अवैध रेत खनन मामले में छापेमारी कर लुधियाना में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे भूपिंदर सिंह हनी के आवासीय परिसर से 7.9 करोड़ रुपये, रोलैक्स की घड़ी और 21 लाख का सोना बरामद किया था। लुधियाना निवासी उसके करीबी संदीप कुमार के पास से भी दो करोड़ मिले थे। इस मामले में कुछ 10.7 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई थी।
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