ब्रिटेन के सिख समुदाय द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुए प्रस्ताव पारित करने के दो दिन बाद अब कनाडा के जाने—माने सिख नेता रिपुदमन सिंह मलिक ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफों के पुल बांधते हुए एक चिट्ठी लिखी है जिसमें मोदी सरकार के सिख समुदाय के लिए उठाए गए कदमों की प्रशंसा की गई है।
रिपुदमन सिंह प्रधानमंत्री मोदी की इसलिए भी तारीफ की है कि उन्होंने ऐसे अनेक मुद्दे सुलझाए हैं जो सिखों के लिए हितकारी हैं। अपने पत्र में मलिक ने कुछ सिखों द्वारा मोदी और उनकी सरकार के विरुद्ध एक अभियान जैसा चलाने पर गहन चिंता भी जताई है।
उल्लेखनीय है कि रिपुदमन सिंह बीसी, कनाडा स्थित सतनाम एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष हैं। उन्होंने भारत की मोदी सरकार के विरुद्ध लामबंद हुए सिखों से अपील की है कि वे अपनी छलपूर्ण गतिविधियों को बंद करके सिख समुदाय से जुड़े शेष मुद्दों को सुलझाने हेतु मोदी सरकार का सहयोग करें।
प्रधानमंत्री मोदी को भेजे अपने पत्र में मलिक ने मोदी सरकार की विभिन्न पहलों का विस्तार से उल्लेख किया है। इसमें हजारों सिखों को भारत में अपने परिवारों से मिलने की सहूलियत का जिक्र है तो 1984 के सिख विरोधी दंगों के सैकड़ों मामलों को फिर से खोलने के लिए धन्यवाद दिया गया है।
कनाडा के इस सिख नेता ने प्रधानमंत्री मोदी को भेजे अपने पत्र में लिखा, “मैं अपने समुदाय के कुछ गुमराह सदस्यों द्वारा भारत में बड़े पैमाने पर आपके खिलाफ एक सुनियोजित अभियान से चिंतित हूं।….वास्तव में भारत को अस्थिर करने और भारत की राष्ट्रीय अखंडता को चुनौती देने में रुचि रखने वाली कुछ विदेशी शक्तियों के इशारे पर ऐसा करने की बजाय उन्हें सकारात्मकता की सराहना करनी चाहिए।”
पत्र में आगे लिखा है कि इन मामलोें के खुलने से अपराधियों के दोष साबित हुए और कुछ को जेल की सजा हुई। 1984 के सिख विरोधी दंगों को ‘नरसंहार’ घोषित किया और इसके पीड़ित परिवार को 5—5 लाख रुपये का मुआवजा दिया। करतारपुर गलियारा खोला, जिससे भारत के तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा दरबार साहिब, करतापुर साहिब जाने की सुविधा मिली। एक सिख इकबाल सिंह लालपुरा को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया तो स्वर्ण मंदिर के लिए एफसीआरए लाइसेंस दिया, सिख पंथ के पहले गुरु श्री गुरु नानकदेव की 350वीं जयंती का साल भर का उत्सव मनाया गया। ‘हिंद की चादर’ गुरु तेग बहादुर की 450वीं जयंती, गुरु गोबिंद सिंह के बेटों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के बलिदान दिवस, 26 दिसंबर को ‘वीर बालक दिवस’ घोषित करके मान्यता दी।
ये रिपुदमन वही सिख नेता हैं जिन्होंने 2005 में कनाडा की अदालत द्वारा एयर इंडिया की उड़ान 182 कनिष्क को उड़ाने के आरोप से बरी किए जाने से पहले एक बहुत लंबी लड़ाई लड़ी थी। रिपुदमन ने चिंता व्यक्त की कि कुछ सिख हैं जो मोदी सरकार की बुराई करते हैं।
कनाडा के इस सिख नेता ने प्रधानमंत्री मोदी को भेजे अपने पत्र में लिखा, “मैं अपने समुदाय के कुछ गुमराह सदस्यों द्वारा भारत में बड़े पैमाने पर आपके खिलाफ एक सुनियोजित अभियान से चिंतित हूं।….वास्तव में भारत को अस्थिर करने और भारत की राष्ट्रीय अखंडता को चुनौती देने में रुचि रखने वाली कुछ विदेशी शक्तियों के इशारे पर ऐसा करने की बजाय उन्हें सकारात्मकता की सराहना करनी चाहिए।”
A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.
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