पश्चिम यूपी में राष्ट्रीय लोकदल और सपा का गठबंधन जाटों को रास नहीं आ रहा है। जाटों का आरोप है कि सपा के दबाव में जयंत चौधरी मुस्लिमों को टिकट दे रहे हैं। सिवालखास सीट पर हाजी गुलाम मोहम्मद को टिकट लेकर विरोध शुरू हुआ है।
रालोद ने मेरठ के सिवाल खास से हाजी गुलाम को टिकट देकर पार्टी में अंदरूनी भूचाल की स्थिति पैदा कर दी है। इसके विरोध में पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष राहुल चौधरी ने पार्टी छोड़ दी है। जाटों में लोकप्रिय राहुल देव चौधरी पिछले पांच सालों से जाटों के दम पर अपनी राजनीतिक ज़मीन तैयार करने में लगे थे। हाजी को टिकट देने पर जाट महासंघ के प्रमुख रोहित जाखड़, डॉ राज कुमार सांगवान ने जयंत चौधरी पर सपा और मुस्लिमों के आगे घुटने टेक देने का आरोप लगाया है और राहुल चौधरी ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।
हाजी गुलाम को टिकट दिए जाने के विरोध में लोकदल के झंडे जलाए गए हैं। अलीगढ़ में झगलास सीट पर वीरपाल को टिकट देने पर पूर्व विधायक त्रिलोकि राम ने विरोध किया है, मेरठ कैंट से मनीषा अहलावत को टिकट दिए जाने पर भी पार्टी का एक बड़ा धड़ा नाराज हो गया है। बागपत में छपरौली सीट पर वीरपाल राठी को भी भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। राठी को पार्टी के भीतर और जाटों के गांव पंचायतों में विरोध झेलना पड़ रहा है।
उधर आगरा में पार्टी जिलाध्यक्ष कुसुम चाहर को जयंत चौधरी ने बर्खास्त कर दिया है। उन पर काली चरण सुमन से टिकट देने के एवज मे 20 लाख रुपए मांगने का आरोप है, जिसका वीडियो वायरल हुआ था। कुल मिलाकर जयंत चौधरी जिस तरह से मुस्लिम जाट के गठजोड़ की राजनीति की तरफ बढ़ रहे हैं उससे जाट समाज नाराजगी उभरने लगी है।
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