उत्तराखंड में बीजेपी ने अपने कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। हरक सिंह पिछले महीनों से बीजेपी के लिए सिरदर्द बनते जा रहे थे। उधर कुछ कांग्रेस के नेता भी बीजेपी हाई कमान के संपर्क में हैं और वो टिकट मिलने के वादे पर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
वन मंत्री हरक सिंह रावत ने पिछले कुछ महीनों से बीजेपी नेताओं पर अपने और परिवार के लिए तीन-तीन टिकट दिए जाने के लिए दबाव बनाया हुआ था। उनकी कांग्रेस नेताओं के साथ बढ़ता मेल जोल भी इसी दबाव के कारण माना जा रहा था। बीजेपी हाई कमान और गृह मंत्री अमित शाह ने भी उन्हें कई बार समझाया, लेकिन हरक सिंह अपना दबाव हमेशा बनाये रहे, अंततः बीजेपी ने उन्हें पार्टी और सरकार से छह साल के लिए निष्काषित कर दिया।
माना जा रहा है कि बीजेपी से निष्कासित होने के बाद वो कांग्रेस में वापसी करेंगे, हरक सिंह 2016 में कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में आये थे। हरक सिंह के साथ सम्भवतः अभी उनके और साथी भी बीजेपी छोड़ सकते हैं। कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक बेटे संजीव आर्य भी पहले ही बीजेपी छोड़ चुके हैं। हालांकि हरक सिंह रावत ने रोते हुए कहा है कि उन्हें निष्कासित करने से पहले एक बार उनसे पूछ लिया जाता। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि हमने कई बार हरक जी से बातचीत की थी कि बीजेपी में एक से ज्यादा टिकट किसी परिवार में देने की योजना नहीं है।
उधर कांग्रेस की प्रदेश महिला अध्यक्ष नैनीताल से पूर्व विधायक सरिता आर्य आज बीजेपी में शामिल हो गईं। उन्हें सम्भवत: नैनीताल रिजर्व सीट से टिकट दिया जाएगा। यहां के मौजूदा बीजेपी विधायक संजीव आर्य कांग्रेस में चले गए है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भी अर्जी दायर की हुई है, जिसपर हाई कमान विचार कर रहा है। जानकारी के मुताबिक अभी 26 जनवरी तक दल बदल की राजनीति और परवान चढ़ेगी।
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