कूका आंदोलन पर विशेष : जब बाल गोभक्त बिशन सिंह ने अंग्रेज जिलाधीश कोवन की दाढ़ी खींच ली
May 25, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

कूका आंदोलन पर विशेष : जब बाल गोभक्त बिशन सिंह ने अंग्रेज जिलाधीश कोवन की दाढ़ी खींच ली

by WEB DESK
Jan 17, 2022, 04:07 am IST
in भारत, दिल्ली
कूका आंदोलन पर जारी डाक टिकट

कूका आंदोलन पर जारी डाक टिकट

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
17 जनवरी, 1872 को 12 वर्ष के बिशन सिंह के सामने उसके सद्गुरु राम सिंह कूका को जब अंग्रेज जिलाधीश कोवन ने गाली दी तो उस बालक ने कूद कर दोनों हाथों से कोवन की दाढ़ी पकड़ ली। लाख प्रयास करने के बाद भी कोवन अपनी दाढ़ी नहीं छुड़वा सका और अंत में कोवन के सिपाहियों ने उस बालक के दोनों हाथ काट दिए और फिर उसे गोली मार दी गई।

—डॉ. सुरेन्द्र कुमार जैन

17 जनवरी, 1872 की प्रातः ग्राम जमालपुर (मालेरकोटला, पंजाब) के मैदान में भारी भीड़ एकत्र थी। एक-एक कर 50 गोभक्त सिख वीर वहां लाए गए। उनके हाथ पीछे बंधे थे। उन्हें मृत्युदण्ड दिया जाना था। ये सब सद्गुरु रामसिंह कूका के शिष्य थे। अंग्रेज जिलाधीश कोवन ने इनके मुंह पर काला कपड़ा बांधकर पीठ पर गोली मारने का आदेश दिया; पर इन वीरों ने साफ कह दिया कि वे न तो कपड़ा बंधवाएंगे और न ही पीठ पर गोली खाएंगे। तब मैदान में एक बड़ी तोप लायी गयी। अनेक समूहों में इन वीरों को तोप के सामने खड़ा कर गोला दाग दिया जाता। गोले के दगते ही गरम मानव खून के छींटे और मांस के लोथड़े हवा में उड़ते। जनता में अंग्रेज शासन की दहशत बैठ रही थी। कोवन का उद्देश्य पूरा हो रहा था। उसकी पत्नी भी इस दृश्य का आनन्द उठा रही थी।
इस प्रकार 49 वीरों ने मृत्यु का वरण किया; पर 50वें को देखकर जनता चीख पड़ी। वह तो केवल 12 वर्ष का एक छोटा बालक बिशन सिंह था। अभी तो उसके चेहरे पर मूंछें भी नहीं आयी थीं। उसे देखकर कोवन की पत्नी का दिल भी पसीज गया। उसने अपने पति से उसे माफ कर देने को कहा। कोवन ने बिशन सिंह के सामने राम सिंह को गाली देते हुए कहा कि यदि तुम उस धूर्त का साथ छोड़ दो, तो तुम्हें माफ किया जा सकता है।
यह सुनकर बिशन सिंह क्रोध से जल उठा। उसने उछलकर कोवन की दाढ़ी को दोनों हाथों से पकड़ लिया और उसे बुरी तरह खींचने लगा। कोवन ने बहुत प्रयत्न किया; पर वह उस तेजस्वी बालक की पकड़ से अपनी दाढ़ी नहीं छुड़ा सका। इसके बाद बालक ने उसे धरती पर गिरा दिया और उसका गला दबाने लगा। यह देखकर सैनिक दौड़े और उन्होंने तलवार से उसके दोनों हाथ काट दिए। इसके बाद उसे वहीं गोली मार दी गयी। इस प्रकार 50 कूका वीर उस दिन बलिपथ पर चल दिए।
गुरु राम सिंह कूका का जन्म 1816 ई की वसन्त पंचमी को लुधियाना के भैणी ग्राम में जस्सासिंह बढ़ई के घर में हुआ था। वे शुरू से ही धार्मिक प्रवृत्ति के थे। कुछ वर्ष वे महाराजा रणजीत सिंह की सेना में रहे। फिर अपने गांव में खेती करने लगे। वे तब से अंग्रेजों का विरोध करने तथा समाज की कुरीतियों को मिटाने को कहते थे। उन्होंने सामूहिक, अन्तरजातीय और विधवा विवाह की प्रथा चलाई। उनके शिष्य ही ‘कूका’ कहलाते थे।
कूका आन्दोलन का प्रारम्भ 1857 में पंजाब के विख्यात बैसाखी पर्व (13 अप्रैल) पर भैणी साहब में हुआ। गुरु राम सिंह जी गोसंरक्षण तथा स्वदेशी के उपयोग पर बहुत बल देते थे। उन्होंने ही सर्वप्रथम अंग्रेजी शासन का बहिष्कार कर अपनी स्वतंत्र डाक और प्रशासन व्यवस्था चलायी थी।
मकर संक्रान्ति मेले में मलेरकोटला से भैणी आ रहे गुरुमुख सिंह नामक एक कूका के सामने मुसलमानों ने जानबूझ कर गोहत्या की। यह जानकर कूका वीर बदला लेने को चल पड़े। उन्होंने उन गोहत्यारों पर हमला बोल दिया; पर उनकी शक्ति बहुत कम थी। दूसरी ओर से अंग्रेज पुलिस एवं फौज भी आ गयी। अनेक कूका मारे गए और 68 पकड़े गए। इनमें से 50 को 17 जनवरी को तथा शेष को अगले दिन मृत्युदण्ड दिया गया।
अंग्रेज जानते थे कि इन सबके पीछे गुरु राम सिंह कूका की ही प्रेरणा है। अतः उन्हें भी गिरफ्तार कर बर्मा की जेल में भेज दिया। 14 साल तक वहां काल—कोठरी में कठोर अत्याचार सहकर 1885 में सदगुरु राम सिंह कूका ने अपना शरीर त्याग दिया।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

प्रतीकात्मक तस्वीर

विश्व थायराइड दिवस: योगासन एवं भारतीय ज्ञान परंपरा से थायरॉयड संतुलन

नीति आयोग बैठक : PM मोदी ने थामा विष्णुदेव साय का हाथ, बोले- ‘छत्तीसगढ़ की बात अभी बाकी है’

Virat Kohli And Anushka Sharma Hanumangarhi

पहले मथुरा और अब हनुमानगढ़ी पहुंच गए हैं विराट कोहली, पत्नी अनुष्का भी साथ

रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत

“सुरक्षा के मामले में हम किसी पर निर्भर ना हों…’’ : सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत

Uttarakhand Kedarnath Unesco

चारधाम यात्रा 2025: केदारनाथ में 5 लाख से अधिक श्रद्धालु, हेमकुंड साहिब के कपाट खुले

Bangladesh Muhammad Yunus

यूनुस सरकार पर बीएनपी का दबाव: दिसंबर तक चुनाव की मांग

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

प्रतीकात्मक तस्वीर

विश्व थायराइड दिवस: योगासन एवं भारतीय ज्ञान परंपरा से थायरॉयड संतुलन

नीति आयोग बैठक : PM मोदी ने थामा विष्णुदेव साय का हाथ, बोले- ‘छत्तीसगढ़ की बात अभी बाकी है’

Virat Kohli And Anushka Sharma Hanumangarhi

पहले मथुरा और अब हनुमानगढ़ी पहुंच गए हैं विराट कोहली, पत्नी अनुष्का भी साथ

रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत

“सुरक्षा के मामले में हम किसी पर निर्भर ना हों…’’ : सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत

Uttarakhand Kedarnath Unesco

चारधाम यात्रा 2025: केदारनाथ में 5 लाख से अधिक श्रद्धालु, हेमकुंड साहिब के कपाट खुले

Bangladesh Muhammad Yunus

यूनुस सरकार पर बीएनपी का दबाव: दिसंबर तक चुनाव की मांग

Uttarkhand illegal encroachment

उत्तराखंड: तराई फॉरेस्ट डिविजन ने 15 हेक्टेयर वन भूमि अवैध कब्जा से मुक्त कराया

Uttarakhad Niti Ayog Baithak

सीएम धामी ने नीति आयोग की बैठक में उठाई ड्रेनेज और सिंचाई की मांग, पर्वतीय महाकुंभ के लिए मांगा सहयोग

पीएम मोदी: ऑपरेशन सिंदूर की ताकत को जनांदोलन बनाकर हासिल होगा विकसित भारत का लक्ष्य

Iran Executed a man

ईरान में मोहसेन लैंगरनेशिन को फांसी: इजरायल के लिए जासूसी के झूठे आरोपों और यातना का दावा

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies