सुल्तानपुर जनपद में रीता यादव ने प्रधानमंत्री की रैली में 16 नवम्बर 2021 को काला झंडा दिखाया था और फिर 3 जनवरी 2022 को रीता यादव के ऊपर हमला हुआ. गोली पैर में लगी. पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए दावा किया है कि रीता यादव ने खुद पर गोली चलवाने की साजिश रची थी. रीता यादव ने सोचा था कि ऐसा करके वे सहानुभूति के आधार पर कांग्रेस पार्टी में टिकट पा जायेंगी.
रीता यादव अपने ही षड्यन्त्र में फंस गई. पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए फायरिंग में शामिल दो अभियुक्तों के साथ ही रीता को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने घटना में प्रयुक्त तमंचा भी बरामद कर लिया. पुलिस ने बताया कि भाड़े के हमलावरों को हवा में गोली चलाना था, मगर गोली रीता के पैर में लग गई.
उल्लेखनीय है कि सुल्तानपुर जनपद के कोतवाली थाना क्षेत्र की रहने वाली रीता यादव ने पीएम मोदी की रैली में काला झंडा दिखाया था. इसके बाद रीता यादव, अमेठी में प्रियंका गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गई थी. तीन जनवरी की शाम जब रीता यादव घर लौट रही थी. उसी समय उसके ऊपर गोली चली.
इस घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने विवेचना शुरू की. क्षेत्राधिकारी लम्भुआ सतीश चंद्र शुक्ल ने बताया कि पुलिस ने धर्मेंद्र यादव उर्फ भोले एवं वाहन चालक मोहम्मद मुस्तकीम को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो घटना की सचाई सामने आ गई. धर्मेंद्र और मुस्तकीम ने पुलिस को बताया कि रीता यादव ने पूर्व ग्राम प्रधान माधव यादव से मिलकर यह षड्यन्त्र रचा था ताकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से विधायक का टिकट प्राप्त किया जा सके.
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