बरेली में ड्रग्स नेक्सेस को तोड़ने के लिए चुनाव आयोग के निर्देश पर पुलिस, आईबी, एसएसबी कस्टम नारकोटिक्स विभाग की संयुक्त बैठक की गई। तीन राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने इस पर चर्चा की और चुनाव के दौरान ड्रग्स तस्करी पर सख्ती से रोक लगाने के लिए कार्ययोजना पर काम करने की सहमति हुई।
जानकारी के मुताबिक बरेली पिछले कई सालों से स्मैक तस्करी का केंद्र बना हुआ है। बरेली जिले के चौदह थानों को इस तस्करी केंद्र के रूप में चिन्हित किया गया है। पुलिस की रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली और नेपाल बॉर्डर पर स्मैक की तस्करी हो रही है। पिछले कुछ महीनों में करीब एक हज़ार करोड़ की ड्रग्स यहां पकड़ी गई है और दो दर्जन से ज्यादा ड्रग्स माफिया को जेल भेजा जा चुका है। इसके बावजूद स्मैक कैरियर पकड़े जा रहे हैं, जिस पर चुनाव आयोग ने चिंता जाहिर करते हुए ये बैठक करवाई है, जिसमें ये फैसला लिया गया कि ड्रग्स माफिया पर नियंत्रण के लिए पुलिस को आईबी भी मदद करेगी।
नेपाल सीमा पर एसएसबी भी अपने-अपने चेक पोस्ट पर ड्रग्स के बारे में सूचनाएं पुलिस से साझा करेगी। कस्टम और नारकोटिस विभाग भी सूचनाएं अनदेखी न करे और पुलिस के साथ साझा अभियान में सक्रिय रहे। बैठक में ड्रग्स माफिया के खिलाफ आगे से जॉइंट ग्रुप ऑपरेशन करने पर फैसला हुआ। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र नशे के खिलाफ चुनाव आयोग की गाइडलाइंस का अनुपालन करने पर भी सहमति जताई गई। इस बैठक में दिल्ली से आईबी के सानेश्वर सिन्हा, यूपी आईजी लॉ एंड आर्डर संजीव गुप्ता, बरेली आईजी रमित शर्मा, उत्तराखंड से पुलिस उप महानिरीक्षक डॉ नीलेश भरणे, एसएसबी के पीलीभीत उप सेना नायक आदि मौजूद रहे।
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