पंजाब में प्रशासन की लापरवाही के चलते आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में भारी चूक देखने को मिली। इसके कारण उन्हें अपना कार्यक्रम स्थगित कर वापस दिल्ली लौटना पड़ा। इसे गंभीर मामला मानते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और इसकी जिम्मेदारी भी तय करने को है।
प्रधानमंत्री मोदी सुबह विमान से बठिंडा पहुंचे। पंजाब सरकार की ओर से वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने उनका स्वागत किया। हवाईअड्डे पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री को हेलीकॉप्टर से फिरोजपुर रवाना होना था। वहां उन्हें पीजीआई के सैटेलाइट सेंटर का शिलान्यास करने के बाद एक सभा को संबोधित करने का कार्यक्रम था। इस जनसभा में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी पहुंचने वाले थे। लेकिन मौसम खराब होने के कारण प्रधानमंत्री का हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका। लिहाजा, वे सड़क मार्ग से ही फिरोजपुर के लिए रवाना हुए, लेकिन रास्ते में कुछ लोगों ने उनका मार्ग अवरुद्ध कर दिया। इसे प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में चूक मानते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
दरअसल, बठिंडा पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी को हेलीकॉप्टर से हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था। लेकिन बारिश के कारण दृश्यता खराब होने के कारण उन्हें 20 मिनट तक मौसम साफ होने का इंतजार करना पड़ा। जब मौसम में सुधार नहीं हुआ, तो सड़क मार्ग से शहीद स्मारक जाने का कार्यक्रम बनाया गया, जिसमें दो घंटे से अधिक समय लगता। पंजाब के डीजीपी द्वारा आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था की पुष्टि के बाद प्रधानमंत्री का काफिला रवाना हुआ। लेकिन भारत-पाक सीमा पर स्थित हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से लगभग 30 किलोमीटर पहले जब उनका काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा तो (कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ता अवरुद्ध कर दिया। इस कारण प्रधानमंत्री 15-20 मिनट फ्लाईओवर पर फंसे रहे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री की सुरक्षा में यह बड़ी चूक थी। उनके कार्यक्रम और यात्रा की योजना के बारे में राज्य सरकार को पहले ही सब जानकारी थी। लिहाजा, सुरक्षा में चूक के बाद प्रधानमंत्री को वापस बठिंडा हवाईअड्डा वापस लौटना पड़ा। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी को फिरोजपुर में 42,750 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला रखनी थी।
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