कर्नाटक पुलिस पिछले कुछ समय से उस अपराधी को ढूंढ रही थी, जो आएदिन किसी मंदिर की दानपेटी में एक आपत्तिजनक वस्तु डाल देता था। आखिर में पुलिस की मेहनत रंग लाई और वह पकड़ा गया। उसक नाम है देवदास देसाई। पुलिस के अनुसार देवदास के पिता ने ही ईसाई मत अपना कर अपना नाम जॉन देसाई रख लिया था। स्वाभाविक रूप से देवदास भी ईसाई हो गया है। लेकिन वह इतना कट्टर ईसाई होगा, इसकी भनक उसके परिवार वालों को भी नहीं थी। पुलिस को उसने बताया है कि वह ईसाई मत का पालन करने के लिए ही दूसरे मत—पंथ के पूजास्थलों को अपवित्र करता था। देवदास की आयु 62 वर्ष है। वह पहले आटो चलाता था। आयु बढ़ने के कारण उसने आटो चलाना छोड़कर कूड़ा बीनने का काम शुरू किया। कूड़ा चुनते समय उसे कई ऐसी वस्तुएं मिलती थीं, जिसका उसके लिए कोई उपयोग नहीं था। लेकिन कुछ दिन बाद ही उसे एक शरारत सूझी और उसने उन वस्तुओं को मंदिरों और अन्य पूजास्थलों में रखना शुरू कर दिया। जब इस तरह की घटनाएं खूब होने लगीं, तब लोगों ने पुलिस से शिकायत की। इसके बाद पुलिस उसे तलाशने लगी। 27 दिसंबर, 2021 को उसने मंगलुरू के कोरज्जाना कट्टे गांव के एक मंदिर की दानपेटी में फिर से एक गंदी वस्तु रख दी। इसकी शिकायत मिलने पर पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला। उसमें वह मंदिर की दानपेटी में कुछ रखता हुआ दिखाई दिया। इसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ लिया। अब वह कहता है कि उसे इस काम से कोई पछतावा नहीं है। यह भी कहता है कि जो कुछ किया ईशु की सेवा में किया।
टिप्पणियाँ