मुंबई में लगभग 300 साल पुराने प्रभादेवी मंदिर परिसर में चर्च का उल्लेख करता हुआ मील का पत्थर रखा गया था, जो गलत है। यह प्रभादेवी मंदिर है, मंदिर ही रहेगा। मुंबई में इसे सहन नहीं किया जाएगा, ऐसी चेतावनी भाजपा मुंबई अध्यक्ष व विधायक मंगलप्रभात लोढा ने बीएमसी प्रशासन और शिवसेना को दी है।
प्रभादेवी में 300 साल पुराने मंदिर के दरवाजे पर सेंट थॉमस चर्च का उल्लेख करनेवाले मील के पत्थर को रखा गया था। शिवसेना नेता हेमांगी वरलीकर ने मील के पत्थर का अनावरण भी किया। लेकिन 300 साल पुराने मंदिर के सामने यह सब किसलिए ? ऐसा प्रश्न उठाते हुए लोढ़ा ने कहा कि इस परिसर के नागरिक समझदार हैं, उन्हें सब पता है इसलिए वे साहस के साथ इसका विरोध कर रहे हैं। जिस तरह से पुलिस ने नागरिकों व कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की है, उन पर अत्याचार किया है उसका वीडियो मैंने देखा, यह अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। अब इस स्तंभ को हटा दिया गया है, लेकिन फिर से यह घटित हुआ तो, मुंबई भाजपा इसे सहन नहीं करेगी।
लोढ़ा ने कहा कि यहां मंदिर है, मंदिर ही रहेगा। मुंबई भाजपा इसे सहन नही करेगी। शहर में कई स्थानों पर कन्वर्जन हुआ है तो कुछ भागों में यह प्रक्रिया शुरू है। प्रभादेवी मंदिर के सामने जो हुआ वह धीरे-धीरे कन्वर्जन की दिशा में जाने वाला है। लेकिन इस भाग के स्थानीय नागरिक व भाजपा के कार्यकर्ता जागरूक थे, इसलिए यह बात समय पर सामने आई। पड़ोस में ही एक नई इमारत बनी है। इमारत परिसर में शुरुआत में एक स्मृति स्तंभ था। मुंबई शहर के अनेक भागों में स्मृति स्तंभ है, लेकिन कहीं भी चर्च के नाम का उल्लेख नहीं है। इस परिसर के आस-पास में कहीं भी चर्च नही है तो इस स्तंभ को यहां कैसे खड़ा किया गया?
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