भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) ने भारतीय संगीत को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें आईसीसीआर के अध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे और संगीत क्षेत्र से जुड़े कलाकारों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि देश के सभी एयरलाइंस की उड़ानों और सभी हवाईअड्डों पर अनिवार्य रूप से भारतीय शास्त्रीय संगीत बजाया जाना चाहिए। इसके पीछे यह तर्क दिया गया है कि इससे भारतीय सभ्यता, संस्कृ़ति और परंपराओं को बढ़ावा तो मिलेगा ही, इससे लोगों का भावनात्मक जुड़ाव भी बढ़ेगा। साथ ही, आईसीसीआर ने मंत्रालय और विमानन कंपनियों को आश्वाासन दिया है कि अगर कॉपीराइट का मुद्दा उठता है तो इस संबंध में सरकार संबंधित व्यक्ति से बात करेगी।
केंद्रीय उड्डयन मंत्री को लिखे पत्र में सहस्रबुद्धे ने कहा है, ‘‘भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) भारतीय पारंपरिक संगीत से जुड़े संगीतकारों, गायकों और कलाकारों की बिरादरी में शामिल हो गई है, जिसमें मांग की गई है कि भारत में संचालित होने वाले विमानों में और विभिन्न हवाईअड्डों पर भारतीय शास्त्रीय या सुगम संगीत और वाद्य संगीत बजाना अनिवार्य किया जाए।’’ आईसीसीआर ने उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने कार्यक्रम में आमंत्रित किया था। यहीं पर उन्हें ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि अगर इंडियन एयरलाइंस में ऐसा होता है, तो इससे भारतीय संगीत को बहुत बल मिलेगा। इस पर सिंधिया ने कहा, ‘‘मैं संगीत शहर ग्वालियर से हूं, जो तानसेन का शहर रहा है। यहां संगीत का एक पुराना घराना भी है। भारतीय प्राचीन संगीत का वर्षों पुराना इतिहास है और प्राचीन संगीत में लोगों की जिज्ञासा भी बहुत है।’’
सिंधिया की ओर से मिली सकारात्ममक प्रतिक्रिया पर खुशी जताते हुए सहस्रबुद्धे ने कहा, ‘‘दुनिया के अधिकतर एयरलाइनों में उस देश का सर्वोत्कृष्ट संगीत बजता है, जहां की एयरलाइन कंपनी होती है। जैसे- इसकी बहुत संभावना है कि अमेरिकी एयरलाइन में जाज, ऑस्ट्रेलियाई एयरलाइन में मोजार्ट और मध्य-पूर्व की एयरलाइन में अरब संगीत सुनने को मिलेंगे। लेकिन यह विडंबना है कि भारत में अधिकांश एयरवेज (निजी व सरकारी स्वामित्व वाली) घरेलू ओर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में शायद ही कभी भारतीय संगीत बजाते हैं। हमारा संगीत हमारी समृद्ध विरासत व संस्कृति को दर्शाता है। यह उन अनेक चीजों में से एक है, जिन पर गर्व करने का हर भारतीय के पास एक कारण है।’’
केंद्रीय मंत्री से मुलाकात के बाद सहस्रबुद्धे ने कहा, ‘‘हमने सुझाव के रूप में लोगों के मन की बात उनके समक्ष रखी है। उन्होंने आश्वामसन दिया है कि इस सुझाव पर विचार करेंगे।’’ बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ने भारतीय संगीत को बढ़ावा देने के लिए साहित्य महोत्सव की तरह संगीत महोत्सव का आयोजन करने का सुझाव भी दिया है। इस बैठक में संगीत क्षेत्र के अनु मलिक, कौशल इनामदार, पंडित संजीव अभ्यंकर, मंजूषा पाटिल-कुलकर्णी आदि थे। गायक और संगीत निर्देशक कौशल इनामदार ने कहा कि यह विचार केवल संगीत को बढ़ावा देने के संबंध में नहीं है, बल्कि भारतीयता से भी जुड़ा है।
प्रसार भारती के साथ आईसीसीआर का समझौता
इससे पहले, 20 दिसंबर को आईसीसीआर ने भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रसार भारती के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था। इसके तहत दूरदर्शन अपने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय चैनलों पर आईसीसीआर से जुड़़े प्रख्यात कलाकारों के कार्यक्रमों का प्रसारण करेगा। डीडी नेशनल, डीडी इंडिया, दूरदर्शन के क्षेत्रीय चैनलों व प्रसार भारती के डिजिटल मंच प्रसार भारती समाचार सेवा पर नृत्य और संगीत के साप्ताहिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। आईसीसीआर के साथ मिलकर दूरदर्शन सांस्कृतिक कार्यक्रमों, कंसर्ट, संगीत, नृत्य पर आधारित आधे घंटे की 52 कडि़यां बनाएगा। यह समझौता ज्ञापन दिसंबर 2021 से लेकर दिसंबर 2024 तक तीन साल की अवधि के लिए लागू रहेगा।
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