पाकिस्तान जल्दी ही इस्लामी हत्यारे बाबर और आतताई टीपू सुल्तान पर फिल्में बनाने वाला है। और वह अकेला ही इन दोनों इस्लामी आक्रमणकारियों के जीवन पर ये फिल्में नहीं बनाने जा रहा, इसमें उसका साथ देंगे दो देश—ईरान और उज्बेकिस्तान।
पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने इन फिल्मों के निर्माण की जानकारी देते हुए बताया कि देश की इमरान सरकार ने करोड़ों डालर की लागत से जहीरुद्दीन बाबर, टीपू सुल्तान और उर्दू शायर मुहम्मद इकबाल के जीवन प्रसंगों पर आधारित फिल्में बनाने का निर्णय लिया है। चौधरी ने यह भी बताया कि इन फिल्मों के निर्माण में दो और इस्लामी देश, ईरान तथा उज्बेकिस्तान सहयोग करने वाले हैं।
हैरानी की बात है कि पाकिस्तान सरकार आज इस हद तक कंगाल हो चुकी है कि उसके पास सरकारी कर्मचारियों को वेतन देने तक के पैसे नहीं हैं। इतना ही नहीं, सरकारी खर्च चलाने के लिए प्रधानमंत्री के सरकारी घर तथा अन्य सरकारी संस्थानों की इमारतें किराए पर उठाई गई हैं। ऐसे में इन फिल्मों में लाखों—करोड़ों डालर लगाने की बात करके उसने अपनी एक तरह से जगहंसाई कराई है। बताया गया है कि टीपू की फिल्म को बनाने में एक निजी फिल्म निर्माता कंपनी मदद करने वाली है।
पाकिस्तान सरकार आज इस हद तक कंगाल हो चुकी है कि उसके पास सरकारी कर्मचारियों को वेतन देने तक के पैसे नहीं हैं। इतना ही नहीं, सरकारी खर्च चलाने के लिए प्रधानमंत्री के सरकारी घर तथा अन्य सरकारी संस्थानों की इमारतें किराए पर उठाई गई हैं। ऐसे में इन फिल्मों में लाखों—करोड़ों डालर लगाने की बात करके उसने अपनी एक तरह से जगहंसाई कराई है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान टेलीविजन नेटवर्क के हाल ही बने फिल्म डिविजन के माध्यम से बाबर और इकबाल पर फिल्मों का निर्माण किया जाना है। जिस पाकिस्तान की हर व्यावसायिक फिल्म किसी भी मानदंड पर दोयम ही साबित हुई है, उसके इस दावे पर भी हंसी आती है कि ये दोनों फिल्में अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के आधार पर बनाई जाएंगी।
फवाद चौधरी के अनुसार, पीटीवी फिल्म्स के अंतर्गत सोचा ये गया है कि युवा फिल्म निर्माताओं को उनकी सोच के हिसाब से फिल्में बनाने का मौका दिया जाए। उन्होंने पाकिस्तान में और ज्यादा सिनेमाघर खोलने की भी बात की और बताया कि पाकिस्तान सरकार सिनेमाघरों में खपने वाली बिजली के लिए औद्योगिक तथा घरेलू दरों की अलग से घोषणा करेगी। बताया गया कि फिल्मों से कई कर भी हटा दिए हैं।
A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.
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