मेरठ के एक्सप्रेसवे का लोकार्पण करने आये केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किसानों को उनकी खेती के फायदे का अर्थशास्त्र समझाया। उन्होंने कहा कि किसान भविष्य में सरसों की खेती करें, इसका अच्छा दाम मिलेगा। सड़कों की हमेशा बात करने वाले गडकरी ने किसानों की धरती पर आकर ऐसी बाते उन्हें बताई जिनसे उनकी तकदीर बदल सकती है।
गडकरी ने किसानों को बताया कि गन्ने के जूस, शीरे, खोई, गेंहू, चावल से इथेनॉल बन रहा है, जोकि वाहनों में पेट्रोल और डीजल का विकल्प है। दो पहिया वाहनों के इंजन इसके लिए तैयार हो गए हैं। हम 350 डिस्टलरी चावल से इथेनाल बनाने की मंजूरी दे रहे हैं। चावल और गेंहू हमारे पास सरप्लस है। हमें इसका उपयोग करके पेट्रोल-डीजल के आयात को कम करके विदेशी मुद्रा बचानी है और किसानों की आय बढ़ानी है।
उन्होंने कहा कि ब्राजील में चीनी 22 रुपये किलो मिल रही है, भारत में 30 से 32 रुपये का रेट आ रहा है। भारत में 90 हजार करोड़ रुपये का खाद्य तेल विदेश से आ रहा है। यदि आप किसान अपने यहां सरसों उगाएंगे तो उसकी डिमांड है और कीमत भी अच्छी मिलेगी। किसानों को बाजार पर नजर रखनी चाहिए और उन्हें फसल का पैटर्न बदलते रहने चाहिए, ताकि बराबर फायदा मिलता रहे।
गडकरी ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 3000 करोड़ रुपये ग्रीन हाईड्रोजन प्रोजेक्ट्स के लिए मंजूर किए हैं। पेट्रोल डीजल के धुएं से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। हम अपनी सड़कों से धुएं को हटाना चाहते हैं और यह तभी सम्भव है जब हम ग्रीन हाईड्रोजन प्रोजेक्ट्स पर जाएंगे।
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