पंजाब में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी भाजपा में शामिल हो गए हैं। पंजाब विधानसभा चुनावों को देखते हुए भाजपा राज्य में अपना कुनबा बढ़ा रही है। राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से पहले ही गठबंधन हो गया है और कई नेता, पूर्व विधायक सहित पूर्व पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भाजपा का दामन थाम चुके हैं।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और भूपेंद्र यादव की मौजूदगी में मंगलवार को दिल्ली में भाजपा में शामिल होने के बाद गुरमीत सिंह ने कांग्रेस को निशाने पर लिया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि वे पार्टी में चल रही कलह से परेशान हैं। कांग्रेस की अंदरूनी कलह ने राज्य में खतरनाक स्थिति पैदा कर दी है। पार्टी ने अपनी पंथनिरपेक्ष छवि गंवा दी है और पंजाब को दांव पर लगा दिया है। पिछले सात साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश का बहुत विकास किया है। भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ही पंजाब को बचा सकते हैं।
राणा गुरमीत ने गृह मंत्री अमित शाह के साथ अपनी फोटो ट्वीट करते हुए लिखा, 'मैं भाजपा का आभार जताता हूं कि पंजाब और पंजाबियत के लिए काम करने की मेरी प्रतिबद्धता का सम्मान किया गया। माननीय अमित शाह जी द्वारा किए गए स्वागत से मैं अभिभूत हूं। जो पंजाब को भारत का सबसे विकसित राज्य बनाने के लिए संकल्पित हैं।' 40 साल तक कांग्रेस में रहने और लगातार चार बार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले गुरमीत सिंह ने कहा कि उन्होंने पंजाब के फायदे के लिए ही भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है।
बता दें कि राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी को पंजाब के कैप्टन अमरिंदर सिंह का करीबी माना जाता है। कैप्टरन की सरकार में वे खेल मंत्री थे। लेकिन चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यहमंत्री बनने के बाद उन्हेंम मंत्री नहीं बनाया गया, जिससे वे नाराज थे। गुरमीत सिंह पंजाब की गुरु हर सहाए विधानसभा सीट से विधायक हैं और उनकी गिनती पंजाब के दिग्गज नेताओं में होती है। वे 2002 से 2017 तक चुनाव जीतते आए हैं।
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