पंजाब में विधानसभा चुनाव सिर पर है और कांग्रेस में अंदरूनी कलह थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। प्रदेश कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू आए दिन अपनी ही पार्टी की सरकार और मंत्रियों पर हमले करते रहते हैं। इसी क्रम में शनिवार को उन्होंने कांग्रेस विधायक नवतेज चीमा के समर्थन में सुल्तानपुर लोधी में आयोजित रैली में राज्य के तकनीकी शिक्षा मंत्री राणा गुरजीत सिंह पर टिप्पणी की थी। इसी के जवाब में मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि सिद्धू पार्टी को बांटने और तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सिद्धू को भाड़े का आदमी करार देते हुए कहा कि वे कांग्रेस में केवल मुख्यमंत्री बनने के लिए आए हैं। सिद्धू द्वारा अपनी सरकार और मुख्यमंत्री का विरोध करने की मंशा पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि अब उनका पर्दाफाश हो गया है। लगता है वे अपने 'असली' राजनीतिक आकाओं के किसी छिपे हुए एजेंडे पर काम कर रहे हैं, जो अभी भी उनके तार खींच रहे हैं।
राणा गुरजीत सिंह ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से कहा कि एक सच्चे कांग्रेसी के बारे में बात करते समय वे अपनी भाषा पर ध्यान दें। उन्होंने खुद को जन्मजात कांग्रेसी बताते हुए कहा कि वे कभी किसी पार्टी में नहीं गए, जबकि आप (सिद्धू) एक भाड़े के व्यक्ति की तरह हैं, जो सिर्फ मुख्यमंत्री बनने के लिए पार्टी में शामिल हुए हैं। जो महज पांच साल पहले पार्टी में शामिल हुआ, वह उन लोगों को ज्ञान न दे जो जन्मजात कांग्रेसी हैं। सिद्धू की न तो अपनी कोई विचारधारा है और न ही कोई लक्ष्य है। कांग्रेस को उनके व्यवहार पर नजर रखनी चाहिए, क्योंकि कोई नहीं जानता कि वे विधानसभा चुनाव तक पार्टी में टिकेंगे या नहीं या चुनाव से पहले ही भाग जाएंगे। वे जितनी जल्दी पार्टी छोड़ दें, पार्टी के लिए बेहतर होगा। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष का काम पार्टी को एकजुट रखना है, लेकिन उन्होंने पार्टी आलाकमान द्वारा गठित चुनाव प्रचार कमेटी, घोषणापत्र कमेटी और स्क्रीनिंग कमेटी में दरार पैदा करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है।
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