मध्य प्रदेश में सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से होगी वसूली

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WEB DESK
राज्य सरकार ने सरकारी व निजी संपत्ति की सुरक्षा के लिए एक विधेयक तैयार किया है। प्रस्तावित कानून को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। अब इसे शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। इसमें तोड़फोड़ करने वालों के साथ इसके लिए उकसाने वालों से भी नुकसान की वसूली का प्रावधान किया गया है।

उत्तर प्रदेश और हरियाणा की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी सरकारी व निजी संपत्ति की सुरक्षा के लिए विधेयक बनाया गया है। सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को नुकसान निवारक एवं नुकसान की भरपाई अधिनियम-2021 के तहत दंगे, हड़ताल, धरना-प्रदर्शन या जुलूस के दौरान संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से सरकार वसूली करेगी। इस प्रस्तावित विधेयक को राज्यत कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। इसे 20 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। 

राज्‍य सरकार के प्रवक्‍ता और गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने बताया कि सरकारी और निजी संपत्ति के नुकसान की वसूली के लिए दावा प्राधिकरण का गठन किया जाएगा, जिसे सिविल अदालत के समान अधिकार दिए जाएंगे। इसका अधिकार क्षेत्र राज्य के सभी जिलों तक रहेगा। सेवानिवृत्त जज को इसका कमिश्नर नियुक्त  किया जा सकता है, जबकि आईजी व सचिव रैंक के सेवानिवृत्त अधिकारी इसके सदस्य होंगे। धरना-प्रदर्शन और दंगों में सरकारी संपत्ति को नुकसान होने पर आयुक्त और निजी संपत्ति के नुकसान पर संपत्ति मालिक प्राधिकरण को जानकारी देंगे। प्राधिकरण को कुर्की, नीलामी के साथ जुर्माना वसूली का भी अधिकार होगा। प्राधिकरण को तीन माह के अंदर नुकसान के लिए हर्जाना एवं मुआवजे की राशि तय करनी होगी। प्रस्तावित कानून के तहत अगर कोई सरकारी एवं निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो उससे नुकसान की दोगुनी कीमत वसूली की जाएगी। यही नहीं, प्राधिकरण तोड़फोड़ के लिए उकसाने वालों से भी हर्जाना वसूल सकेगा। प्राधिकरण द्वारा आदेश पारित करने के 15 दिन के भीतर अगर कोई नुकसान की भरपाई नहीं करता है तो हर्जाना राशि पर ब्याज और दावा प्राधिकरण में हुए खर्च की भी वसूली की जा सकेगी। प्राधिकरण के फैसले को 90 दिन के भीतर केवल उच्च न्यायालय में चुनौती दी जा सकेगी। 

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