कौन रोक रहा था राम मंदिर पर फैसला
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

कौन रोक रहा था राम मंदिर पर फैसला

by WEB DESK
Dec 17, 2021, 08:16 pm IST
in भारत, उत्तर प्रदेश
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
राम मंदिर निर्माण के मसले पर सदियों से विवाद चला आ रहा था। यह तो सब जानते ही हैं। लेकिन यह बात तो कम ही लोग जानते हैं कि राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मसले पर सुप्रीम कोर्ट में जब सुनवाई शुरू हुई तो प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से कोशिशें होती रहीं कि इस विवाद पर फैसला किसी तरह से टल जाए।

 

आर.के. सिन्हा

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मसले पर सदियों से विवाद चला आ रहा था। यह तो सब जानते ही हैं। लेकिन यह बात तो कम ही लोग जानते हैं कि राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मसले पर सुप्रीम कोर्ट में जब सुनवाई शुरू हुई तो प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से कोशिशें होती रहीं कि इस विवाद पर फैसला किसी तरह से टल जाए। यानी अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो ही नहीं, या फिर इस मामले में विलंब होता रहे। अब जब अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के काम का श्रीगणेश हो चुका है, तो यह सनसनीखेज रहस्योघाटन हो रहा है कि राम मंदिर का निर्माण कुछ तत्वों को पसंद नहीं था। यह खुलासा खुद उस शख्स ने किया है, जो राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की बैंच का सदस्य होने के साथ-साथ देश की सर्वोच्य अदालत का मुख्य न्यायाधीश भी था। हम बात कर रहे हैं देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की। रंजन गोगोई की हाल ही में लिखी एक किताब छप कर आई है। इसका नाम है ‘जस्टिस फॉर जज।’ इसमें रंजन गोगोई बहुत ही साफगोई और निर्भीकता से बताते हैं कि रामजन्म भूमि मामले में मुसलमानों के पक्ष के वकील राजीव धवन बार-बार इस तरह की बेतुकी मांगें करते रहे ताकि केस की सुनवाई किसी बहाने भी टलती रहे। उनका मकसद यह था कि कम से कम  रंजन गोगोई के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद पर रहते हुए इस मसले का कोई फैसला ना आए। जब वे रिटायर हो जायेंगे, तब अगले से कैसे निपटा जाये, यह तय किया जायेगा।
 
रंजन गोगोई ने यह घोषण कर दी थी कि सुप्रीम कोर्ट रामजन्मभूमि विवाद के मामले की हर हफ्ते सोमवार से शुक्रवार तक सुनवाई करेगा। इस फैसले से यह साफ हो गया था कि सुप्रीम कोर्ट इस संवेदनशील मामले का फैसला नवंबर 2019 के दूसरे हफ्ते से पहले देना चाहता है। मतलब मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के 17 नवंबर 2019 को सेवानिवृत्त होने से पहले इस केस में फैसला देश के सामने आ जाएगा। गोगोई के फैसले का यह भी अर्थ था कि रोजाना सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ के पास 48 दिन का कार्य समय होगा। यह समय पर्याप्त भी था, क्योंकि; क्योंकि इस मामले में एक पक्ष निरमोही अखाड़ा अपनी बहस पूरी कर चुका था। सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ कर दिया था सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद उन्हें एक और मौका प्रत्युत्तर के लिए मिलेगा। देखा जाए तो इस फैसले से केस के सभा पक्षकारों को खुश होना चाहिए था कि चलो एक लटके हुए मामले में फैसला आ रहा है। लेकिन यह नहीं हुआ। राजीव धवन पहले से ही कहने लगे कि वे लगातार पांच दिनों तक जिरह नहीं कर सकेंगे। उन्हे बीच में अवकाश चाहिए। तब सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी कि वह बुधवार को अवकाश ले सकते हैं। पर उस दिन उनके बदले में कोई अन्य वकील आकर जिरह करेगा। सुप्रीम कोर्ट हर हालत में तय समय में सुनवाई पूरी करना चाहता था। इसी के चलते उसने अपने रोज के कामकाज के समय को पहले शाम चार बजे और फिर शाम 5 बजे तक के लिए बढ़ा दिया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट का काम दिन में आमतौर पर तीन बजे तक समाप्त हो जाता है।

 

राहुल गांधी हिंदुओं में विभाजन करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। वे बताएं कि क्या वे अयोध्या में कभी राम मंदिर के दर्शन करने के लिए भी जाएंगे ? राहुल गांधी यह जान लें कि जो हिंदू हैं, वो ही हिंदुत्ववादी हैं। जिसके माता-पिता ही हिंदू नहीं, वह कब का हिंदू हो गया? क्या कांग्रेस ने राम मंदिर का निर्माण कराया? या मंदिर निर्माण में कोई सहयोग किया? यदि नहीं तो उन्हें हिंदू और हिंदुत्व पर बात करने का हक ही क्या है?

 

एक बात और। इस तथ्य से सारा देश वाकिफ है कि जब राम मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी तब मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर उनकी पूर्व जूनियर असिस्टेंट ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगा दिए। यह इसलिए हुआ या करवाया गया ताकि किसी तरह से इस मामले को लटकाया जा सके। यौन उत्पीड़न के आरोप पर रंजन गोगोई का कहना था कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता बहुत गंभीर ख़तरे में है और यह न्यायपालिका को अस्थिर करने की एक 'बड़ी साजिश' है। कहने वाले तो यहां तक कहते हैं कि यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला के पीछे कुछ बड़ी ताक़तें थीं। मोटी रकम का खेल भी बताते हैं। आरोप लगाने वाली महिला ने एक चिट्ठी सुप्रीम कोर्ट के सभी 22 जजों को भेजी थी, जिसमें जस्टिस गोगोई पर यौन उत्पीड़न करने, इसके लिए राज़ी न होने पर नौकरी से हटाने और बाद में उन्हें और उनके परिवार को तरह-तरह से प्रताड़ित करने के आरोप लगाए गए थे। ये सब राम जन्म भूमि विवाद पर फैसले को प्रभावित करने के लिए ही तो हो रहा था।

बहरहाल, 6 अगस्त से 16 अक्टूबर, 2019 तक इस मामले पर 40 दिन सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने एक लंबी सुनवाई के बाद अयोध्या में मंदिर-मस्जिद विवाद पर फैसला सुनाया। 100 सालों से ज्यादा समय से चले रहे इस विवाद को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में संवैधानिक पीठ ने यह सर्वसम्मत फैसला सुनाया कि विवादित जमीन पर हक हिंदुओं का है। इस तरह देश के इतिहास के सबसे अहम और पांच सदी से ज्यादा पुराने विवाद का अंत हो गया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुआई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया। इसके तहत अयोध्या की 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम मंदिर निर्माण के लिए दे दी गई। जानने वाले जानते हैं कि कांग्रेस के मौजूदा नेतृत्व और मात्र कुछ खैरख्वाहों की तरफ से हरसंभव कोशिशें होती रहीं कि कोर्ट का फैसला न आए। इसलिए सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही में लगातार व्यवधान डाला जाता रहा। अब उसी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी हिंदू और हिंदुत्व पर ज्ञान दे रहे हैं। उनसे देश यह जानना चाहता है कि अगर वे हिंदू हैं, तो वो इस बात के सबूत तो दें। क्या उनकी माता सोनिया जी ने उनके पिता का धर्म और नाम परिवर्तन के बाद ही ईसाई रीति से विवाह नहीं किया था ?

अगर उनके खानदान के लोगों ने हिंदुओं का कोई तीज-त्योहार मनाया हो तो वह बताएं। राहुल गांधी हिंदुओं में विभाजन करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। वे बताएं कि क्या वे अयोध्या में कभी राम मंदिर के दर्शन करने के लिए भी जाएंगे ? राहुल गांधी यह जान लें कि जो हिंदू हैं, वो ही हिंदुत्ववादी हैं। जिसके माता-पिता ही हिंदू नहीं, वह कब का हिंदू हो गया? क्या कांग्रेस ने राम मंदिर का निर्माण कराया? या मंदिर निर्माण में कोई सहयोग किया? यदि नहीं तो उन्हें हिंदू और हिंदुत्व पर बात करने का हक ही क्या है?

(लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं)

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies