उत्तराखंड-हिमाचल के बीच बहने वाली यमुना और उसकी सहायक नदियों का मानसून का पानी अब संग्रहित किया जाएगा और इससे सिंचाई और बिजली उत्पादन का कार्य भी होगा। केंद्र सरकार ने लखवाड़ बहुउद्देश्यीय परियोजना को कैबिनेट स्वीकृति दे दी है।
लखवाड़ प्रोजेक्ट जल विद्युत परियोजना न होकर बहुउद्देश्यीय परियोजना है, जिसे भारत सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में शामिल किया है। 5747 करोड़ की इस परियोजना से उत्तराखंड, हिमाचल, हरियाणा, यूपी, राजस्थान और दिल्ली को फायदा मिलने वाला है। केंद्र सरकार के मुताबिक यमुना और उसकी सहायक नदियों टोंस, व्यासी, रूपिन और सूपिन का पानी मानसून में बाढ़ के रूप में निकल जाता है। यमुना पर उत्तराखंड और हिमाचल के बीच कटा पत्थर पर बैराज बना कर जल भंडारण किया जाएगा और इसके भूमिगत हिस्से में ऊर्जा उत्पादन की इकाई लगाई जाएगी, जिसमें पहले चरण में 100 मेगावाट की तीन ऊर्जा उत्पादन इकाईयों को स्थापित किया जाएगा उसके बाद 175 मेगावाट की एक इकाई और लगाई जाएगी। इस प्रोजेक्ट में 4678 करोड़ रु से जल भंडारण और 1074 करोड़ से ऊर्जा उत्पादन किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक लखवाड़ बहुद्देश्यीय परियोजना से 34 हजार हैक्टेयर भूमि की अतिरिक्त सिंचाई की व्यवस्था की जा रही है। जिससे 22 लाख किसानों के खेतों में पानी पहुंच सकेगा। जानकारी के मुताबिक दिल्ली में यमुना को भी इस परियोजना से जीवन दान मिलने वाला है। देश की राजधानी में यमुना साफ और निर्मल बहे इस पर भी परियोजना में प्रावधान रखते हुए यमुना का जलस्तर बढ़ाया जाएगा। मानसून में बाढ़ की स्थिति को भी नियंत्रण मिलेगा। जानकारी के मुताबिक 115 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन वाली इस परियोजना में 204 मीटर ऊंचा कंक्रीट ग्रेविटी बांध बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री के उत्तराखंड दौरे से पहले हिमाचल और उत्तराखंड सरकार ने इस परियोजना में जल बंटवारे को लेकर अपना एमओयू कर लिया था, ताकि केंद्र कोई विवाद में नहीं फंसे। हिमाचल भी इस परियोजना के साथ रेणुका जल विद्युत परियोजना बना रहा है। बहरहाल इस बहुद्देश्यीय परियोजना से केंद्र सरकार छह राज्यों को फायदा देने वाली है। इस पर पिछले पांच सालों से कागजी काम चल रहा था कुछ पर्यावरणविद भी इसकी खिलाफत में लगे हुए थे, जिनकी शंकाओं पर भी केंद्र ने विशेषज्ञ समिति से राय ली गयी है और इनका समाधान ढूंढते हुए प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गयी है। पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लखवाड़ बहुउद्देश्यीय परियोजना से छह राज्यों को फायदा मिलेगा हमें ऊर्जा और पर्यटन क्षेत्र में फायदा मिलेगा।
टिप्पणियाँ