आल इंडिया काउंसिल फार टेक्नीकल एजुकेशन यानी एआईसीटीआई ने इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए ऑर्निथालॉजी (पक्षी विज्ञान) का नया पाठ्यक्रम शुरू किया है। यह पाठ्यक्रम 12 हफ्तों का होगा। इसमें इंजीनियरिंग पढ़ने वाले छात्रों को पक्षियों की बोली, व्यवहार और उनकी बनावट के बारे में बताया जाएगा। इस पाठ्यक्र्म के लिए अब तक पूरे देश में 2,350 छात्रों ने पंजीकरण कराया है। अगले वर्ष 24 जनवरी से यह पाठ्यक्रम शुरू होगा। एआईसीटीई का कहना है कि इंजीनियरिंग के छात्रों को सभी विषयों की जानकारी रखनी चाहिए। इसलिए पक्षी विज्ञान के रूप में यह नया पाठ्यक्रम शुरू किया गया है।
एआईसीटीई का कहना है कि पक्षी विज्ञान की पढ़ाई से छात्रों को रोजगार का एक नया अवसर प्राप्त होगा। इसकी पढ़ाई करने के बाद छात्रों को कृषि, वन जीवन और दूसरे उद्योगों में नौकरी मिल सकती है। इस पाठ्यक्रम में पहले सप्ताह में पक्षी विज्ञान की आधारभूत जानकारी दी जाएगी। दूसरे सप्ताह में एनाटॉमी और फिजियोलॉजी पढ़ाई जाएगी। तीसरे सप्ताह में पक्षियों के जीवन का इतिहास पढ़ाया जाएगा। चौथे और पांचवें हफ्ते में पक्षियों के व्यवहार के बारे में बताया जाएगा। छठे हफ्ते में पक्षियों के पलायन के बारे में जानकारी दी जाएगी। सातवें हफ्ते में पक्षियों की जनसंख्या के बारे में पढ़ाया जाएगा। आठवें हफ्ते में 'मिक्स स्पेशिज' की जानकारी मिलेगी। नौवें हफ्ते में डाटा विश्लेषण के बारे में बताया जाएगा। 10वें और 11वें हफ्ते में केस स्टडी व 12वें हफ्ते में सीटिजन साइंस ऑफ ऑर्निथालॉजी के बारे में बताया जाएगा।
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