बिहार में चारा घोटाले की तरह धान घोटाला सामने आया है। मुजफ्फरपुर से जिस गाड़ी से धान पश्चिम बंगाल पहुंचाने की बात कही गई है, वह स्कूटर निकला है। ऐसे ही जिस गाड़ी का निबंधन 2014 में हुआ है, उससे 2013 में ही धान ढोया गया है। ऐसे ही चारा घोटाले में भी देखने को मिला था। स्कूटर, मोटरसाइकिल से चारा एक जगह से दूसरी जगह ले जाया गया था। इस घोटाले की सजा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव भोग रहे हैं। हालांकि वे इन दिनों जमानत पर हैं।
उल्लेखनीय है कि धान घोटाले की भनक मिलने पर 2015 में बिहार राज्य खाद्य निगम के तत्कालीन प्रबंधक आशुतोष कुमार ने पश्चिम बंगाल के रायगंज स्थित फूडग्रेन प्रोडक्ट्स के मालिक संजय भौमिक, दिलीप कुमार भौमिक और सुपर्ना दास भौमिक पर 7.97 करोड़ रुपए के घोटाले का मामला दर्ज कराया था। इस मामले की जांच काजी मोहम्मदपुर थाने के दारोगा शंभूनाथ झा कर रहे हैं। धान ढुलाई करने वाली गाड़ियों की जांच से पता चला है कि पश्चिम बंगाल की इस धान मिल में 2013 में अलग-अलग तिथियों पर 211 वाहनों से 55,383 कुन्तल धान भेजा गया। धान का उठाव मुजफ्फरपुर जिले के अलग-अलग क्रय केंद्रों से किया गया था। इसमें बेगूसराय जिला परिवहन कार्यालय में निबंधित वाहन नंबर बीआर-09 पी 6139 से भी धान भेजे जाने का उल्लेख है। जांच से पता चला है कि यह वाहन बेगूसराय के कैलाश पासवान के नाम से निबंधित है। गाड़ी का प्रकार मोटरसाइकिल/स्कूटर बताया गया है। इसका निबंधन 28 मई, 2014 को हुआ था। लेकिन कागज में दर्ज है कि इस नंबर की गाड़ी से 2013 में 169 कुन्तल धान पश्चिम बंगाल की मिल तक पहुंचाया गया है।
साफ है कि धान ढुलाई में जमकर गड़बड़ी हुई है। उम्मीद है कि जैसे—जैसे जांच आगे बढ़ेगी, वैसे—वैसे इसमें शामिल लोगों की पहचान होगी।
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