मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के नेता अल्ताफ हुसैन ने एक बार फिर अपने दिल का दर्द साझाा करते हुए संयुक्त राष्ट्र, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत की संसद तथा ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से अपील की है कि सिंध और बलूचिस्तान को पाकिस्तान के कब्जे से आजाद कराएं। हुसैन ने कहा है कि पाकिस्तान के कब्जे में इन दोनों इलाकों के लोग बड़े बुरे हालात में हैं। ये बेचारे इंतजार में हैं कि संयुक्त राष्ट्र, ब्रिटेन तथा दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत उनकी मदद करेगा। इन देशों को पाकिस्तान के कब्जे वाले सिंध और बलूचिस्तान के लोगों की गुहार को अनदेखा नहीं करना चाहिए। उन्होंने मांग की कि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में इस क्षेत्र की आजादी प्रस्तावित है, इसके लिए ये देश अपने असर तथा व्यावहारिक समर्थन को अमल में लाएं।
हुसैन ने एक बातचीत में कहा कि पाकिस्तान की सेना भारत सहित दूसरे पड़ोसी देशों में आतंक फैला रही है। इसी सेना ने सिंध और बलूचिस्तान को तालिबान, आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों की सुरक्षित पनाहगाह बना दिया है। पाकिस्तानी सेना की ऐसी हरकतें पूरी दुनिया की शांति के लिए बेहद बड़ा खतरा हैं।एमक्यूएम नेता ने कहा है कि पाकिस्तान के कब्जे में कराहते सिंध तथा बलूचिस्तान के निवासियों की मांगों पर चुप रहना पाकिस्तान की शैतानी सेना को लाखों लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने देने जैसी होगी।
उन्होंने आगे कहा कि भारत का बंटवारा मानव इतिहास की सबसे बड़ी गलती थी। इसकी वजह से न सिर्फ धरती का बंटवारा हुआ बल्कि लाखों लोग इसके शिकार हुए थे। कितने ही दुष्कर्म के शिकार हुए, परिवार बंट गए। उनका कहना था कि हर साल ईद, दिवाली, होली जैसे मौकों पर भारत—पाकिस्तान सीमा पर सैनिक आपस में तोहफे देते हैं, एक-दूसरे को गले लगाते हैं। लेकिन हम भारत—पाकिस्तान की दोस्ती की बात करें तो हम पर 'समर्थक' होने का आरोप लगाया जाता है।
एमक्यूएम के नेता ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत सरकार, संसद तथा लोगों से अपील की है कि भारत का बंटवारा पूर्वजों की गलती थी, जबकि उन मुहाजिरों को इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है। यह बहुत बड़ा पाप है।
उल्लेखनीय है कि अल्ताफ हुसैन कई साल से लंदन में शरण लिए हुए हैं। वे वहीं से अपनी राजनीति चलाते हैं और कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। पाकिस्तान सरकार ने उनके खिलाफ देशद्रोह सहित कई मामले दर्ज किए हुए हैं।
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