नई दिल्ली में गत 12 दिसंबर को 'सबके राम' पुस्तक का विमोचन हुआ। यह पुस्तक इस वर्ष हुए 44 दिवसीय देशव्यापी श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण अभियान के अनुभव कथनों पर आधारित है। इसका विमोचन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह श्री अरुण कुमार ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि निधि समर्पण का अभियान अभूतपूर्व था। देशभर के अभियानकर्ताओं के अनुभव बहुत ही प्रेरणादायक रहा जिनका संकलन सबके राम पुस्तक है। जो लोग कहते रहे हैं कि हिन्दुत्व का भाव खत्म हो रहा है उनके लिए निधि समर्पण का ज्वार उत्तर है।
श्रीराम जन्मभूमि का आंदोलन हिन्दू समाज का आत्म साक्षात्कार है। वह अपनी ताकत जान चुका है। श्री राम जन्मभूमि मुक्ति के आंदोलनों से हिन्दू समाज जागा, न्यायालय पर हमेशा विश्वास रखने वाले हिन्दू को उनके श्रद्धाकेन्द्र मिल गया। राम मंदिर का आंदोलन किसी प्रतिक्रिया के कारण नहीं हुआ, बल्कि हिन्दुओं की प्रतिबद्धता के कारण हुआ। हमारा सपना है समरस समाज। हमारी सहिष्णुता हमारी कायरता के कारण नहीं, अपितु हमारे पुरुषार्थ और हमारी वीरता के कारण है।
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र जैन ने कहा कि श्रीराम मंदिर निर्माण प्रारंभ होते ही भारत का नवोत्थान प्रारंभ हो गया। राम मंदिर से रामराज्य की यात्रा प्रारंभ हो गई। मंदिर निर्माण पूरा होते ही भारत का भाग्योदय प्रारंभ होगा।
भारत विश्व गुरु बनेगा। वर्तमान सहस्राब्दी राम की सहस्राब्दी बनेगी। उन्होंने कहा कि 1947 में हमें राजनीतिक आजादी मिली थी। राम मंदिर आंदोलन से हमें धार्मिक और सांस्कृतिक आजादी मिली। इस आन्दोलन में 13 करोड़ रामभक्तों की सहभागिता रही। यह आजादी के आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन बन गया।
निधि समर्पण अभियान सम्पूर्ण भारत को जोड़ने वाला एक सेतु बन गया। इससे सिद्ध हो गया कि देश को केवल राम ही जोड़ सकते हैं। सेकुलर राजनीति ने देश और समाज को तोड़ा है।
कार्यक्रम में विहिप दिल्ली के अध्यक्ष श्री कपिल खन्ना, राष्ट्रीय प्रवक्ता व केंद्रीय प्रचार प्रसार प्रमुख श्री विजय शंकर तिवारी, प्रांत मंत्री श्री सुरेंद्र गुप्ता, पुस्तक के सह-लेखक श्री राजीव गुप्ता व प्रकाशक श्री प्रभात कुमार सहित अनेक संगठनों के पदाधिकारी और रामभक्त उपस्थित थे।
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