गत दिनों हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि राज्य में खुले में नमाज बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो ऐसा करेंगे, प्रशासन उनके विरुद्ध कार्रवाई करेगा। उनका यह बयान गुरुग्राम में खुले में हो रही नमाज के संदर्भ में था। उनके इस बयान का विरोध जम्मू—कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और कुछ अन्य लोगों ने किया है, वहीं बहुत सारे लोगों ने उनके बयान का स्वागत किया है। बिहार में भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल और बिहार सरकार में मंत्री सम्राट चौधरी तो दो कदम आगे की बात कर रहे हैं। हरिभूषण ठाकुर ने तो यहां तक कहा है कि राज्य में खुले में और सड़कों पर नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध लगाया जाए। 12 दिसम्बर को पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए हरिभूषण ठाकुर ने हरियाणा सरकार के निर्णय को उद्धृत करते हुए कहा कि बिहार में भी यह कानून लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वे स्वयं इसके लिए पहल करेंगे।
वहीं बिहार सरकार में मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि सड़क पर अराजकता फैलाने की अनुमति किसी को नहीं मिलनी चाहिए। नमाज मस्जिद में पढ़नी चाहिए, सड़क पर नहीं। यदि सड़क पर आप कुछ भी करते हैं तो आपको अनुमति लेनी होगी। पूजा—पाठ पूजास्थल पर ही होना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि देश के और हिस्सों की तरह बिहार में भी शुक्रवार यानी जुम्मे के दिन कहीं भी नमाज पढ़ने का चलन शुरू हो गया है। इससे लोगों को बहुत परेशानी होती है।
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