पाकिस्तान चीन के लिए भले ही कितने पलक-पांवड़े बिछाए, लेकिन लगता नहीं कि वह चीन (China) की फितरत को कभी समझ पाएगा। चीन भी पाकिस्तान (Pakistan) के कंधों का अपने स्वार्थ के लिए कितना ही इस्तेमाल कर ले, लेकिन अपने फैसलों में उसके लिए इस्लामी देश से 'दोस्ती' कोई मायने नहीं रखती। इसका ताजा उदाहरण हाल में देखने में आया है जब उसने पाकिस्तान को धता बताते हुए पाकिस्तानी छात्रों (Pakistani students) के लिए अपने दरवाजे बंद कर लिए हैं।
दरअसल, चीन के तमाम कॉलेजों में करीब 28 हजार पाकिस्तानी छात्र पढ़ रहे हैं। गत जुलाई में इन्हें चीन लौटने को कहा गया था। लेकिन इनमें से लगभग 11 हजार छात्र ऐसे हैं जिन्हें चीन अब अपने शैक्षणिक संस्थानों में वापस लौटने की इजाजत नहीं दे रहा है। अपने भविष्य को अधर में लटका देख, परेशानी में डूबे ये छात्र अब तक पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के कितने ही मंत्रियों, विदेश मंत्रालय के तमाम विभागों और चीनी दूतावास के चक्कर काटकर अपनी एड़ियां घिस चुके हैं। लेकिन उनकी चीन वापसी की कोई सूरत नजर नहीं आ रही है।
पाकिस्तान के छात्रों ने अपने यहां की इमरान खान सरकार तथा चीन के दूतावास के अनेक चक्कर लगा लिए हैं, लेकिन कहीं से कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया है। चीन के दूतावास ने तो इन परेशान छात्रों के ई-मेल तक के जवाब देना उचित नहीं समझा है। उधर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने, शायद झल्लाकर इन छात्रों के सोशल मीडिया खाते ही ब्लॉक करने में भलाई समझी है।
जिस चीन के साथ पाकिस्तान अपनी दोस्ती की डींगें हाकता घूमता है, वही उसकी एक नहीं सुन रहा है। चीन अपनी धूर्तता पर चलते हुए पाकिस्तान को धता बता रहा है। उसने अपने यहां विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे पाकिस्तानी छात्रों को वापस लौटने की मंजूरी नहीं दी है। यानी अब लगभग 11 हजार पाकिस्तानी छात्रों का भविष्य अंधकारमय होने जैसा लग रहा है।
बताते हैं कि चीन में चीन से ही उपजे कोरोना वायरस की महामारी की शुरुआत के बाद जनवरी 2020 में अधिकांश पाकिस्तानी छात्र अपने देश वापस लौट गए थे। इन छात्रों को करीब 7 महीने बाद जुलाई में वापस अपने-अपने कॉलेजों को लौटना था। लेकिन साल 2021 खत्म होने को आया, अभी तक चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने इस बारे में कोई फैसला ही नहीं लिया है। कोई न कोई बहाना बनाकर वह इन छात्रों को अपने यहां से दूर रखे हुए है।
अरब न्यूज़ ने समाचार दिया है कि भविष्य को डूबता देख पाकिस्तान के छात्रों ने अपने यहां की इमरान खान सरकार तथा चीन के दूतावास के अनेक चक्कर लगा लिए हैं, लेकिन कहीं से कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया है। चीन के दूतावास ने तो इन परेशान छात्रों के ई-मेल तक के जवाब देना उचित नहीं समझा है। उधर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने, शायद झल्लाकर इन छात्रों के सोशल मीडिया खाते ही ब्लॉक करने में भलाई समझी है। यानी हालत यह है कि अब इन छात्रों को यह समझ ही नहीं आ रहा है कि किसका दरवाजा खटखटाएं। पढ़ाई का उनका पूरा साल ही बर्बाद होने की कगार पर पहुंच चुका है।
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