छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के नाम पर किसानों का हो रहा उत्पीड़न, विरासत में मिले सुशासन को संभालने में विफल बघेल
Thursday, May 19, 2022
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • Subscribe
होम भारत

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के नाम पर किसानों का हो रहा उत्पीड़न, विरासत में मिले सुशासन को संभालने में विफल बघेल

पंकज झा by पंकज झा
Dec 1, 2021, 01:38 pm IST
in भारत, छत्तीसगढ़
धान खरीदी केंद्र पर अव्यवस्था का आलम

धान खरीदी केंद्र पर अव्यवस्था का आलम

Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail
सोसायटियों की हड़ताल, टोकन के लिए जान तक की बाजी, किसानों के रकबे में की गयी कटौती, किसानों के पंजीयन में बड़े स्तर की गड़बड़ी, भीगा धान खरीदने से इंकार, बारदाने की किल्लत समेत तमाम समस्याओं के कारण प्रदेश में किसानों का भविष्य अधर में है। यह अलग बात है कि यहां के किसानों की कथित खुशहाली के चर्चे कर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश में वोटों की फसल उपजाने में व्यस्त हैं

 

इसी सोमवार को जब संसद नए कृषि बिल को वापस लेने की औपचारिकता पूरी कर रहा था, छत्तीसगढ़ के किसान एक अलग ही समस्या से दो-चार हो रहे थे. अपने धान को बेचने के लिए टोकन लेने पिछले रविवार की रात दस बजे से कड़कड़ाती सर्दी में बालोद जिले के पीपरछेड़ी सोसाइटी में किसान एकत्र हो रहे थे. सुबह 11 बजे काउंटर खुलना था, जिसके लिए खुले आसमान तले बारह घंटे पहले से रात भर जाग कर किसान एकत्र थे. सुरक्षा की किसी तरह की व्यवस्था नहीं थी, न ही भीड़ प्रबंधन का कोई उपाय. जैसे ही तय समय पर मुख्य दरवाजा खुला, किसानों की भीड़ दौड़ी, अनियंत्रित हो कर गिरी, वृद्ध और महिलाएं कुचल गईं। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक 30 से अधिक किसान अस्पताल में हैं, जिनमें अनेक की हाल काफी गंभीर है. कमोवेश यह दुर्व्यवस्था समूचे प्रदेश में है.

यह तस्वीर उस छत्तीसगढ़ की है, जिसने कुछ वर्ष पहले तक धान खरीदी की व्यवस्था का रिकॉर्ड बनाया था. प्रदेश का पीडीएस और धान खरीदी, ये दोनों समूचे देश और दुनिया के लिए भी एक मॉडल थे. प्रदेश बनने के समय मुश्किल से सात-आठ लाख मीट्रिक टन धान खरीदने वाला ‘धान का यह कटोरा’ देखते ही देखते 80 लाख मीट्रिक टन तक धान खरीदने लगा था. जहां अविभाजित मध्य प्रदेश के ज़माने में किसानों को अपने पैसे पाने के लिए हफ़्तों इंतजार करना पड़ता था, जहां राज्य बन जाने के बाद भी कांग्रेस की तब की सरकार महज़ पांच-सात लाख टन धान खरीदने के लिए भी उसकी गुणवत्ता को जांचने फसल को पानी में भिगोती थी, वहां भाजपा के डॉ. रमन सिंह की सरकार द्वारा तकनीक की सहायता और अच्छी नीयत से शुरू की गयी धान खरीदी ने देखते ही देखते 80 लाख टन तक का आंकड़ा छू लिया था. सभी किसानों को उनकी फसल बेचने के चौबीस घंटे के भीतर पैसा खाते में जमा हो जाता था, अनेक बार बोनस के साथ भी.

पर पंद्रह वर्ष के बाद पुनः कांग्रेस सरकार की वापसी के बाद पिछले तीन सत्र से जिस तरह फिर से यह सारा सिस्टम अव्यवस्था का शिकार हुआ है, किसानों को जेल भेजने से लेकर जितने तरह के अत्याचार किये गए हैं, वह अपने आप में अजीब है. इसे एक केस स्टडी की तरह देखना चाहिए कि आखिर कहीं भी कांग्रेस के सत्ता में आते ही वही सिस्टम कैसे कुंद पड़ जाता है, जिसे काफी चाक-चौबंद काम करने के लिए अनेक सम्मान मिले होते हैं. जिसकी तारीफ़ अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं तक कर रही होती थीं. आश्चर्य होगा यह जान कर कि जो सरकार चुन कर ही किसानों के नाम पर आयी थी, जिसने किसानों के दाना-दाना धान खरीदने समेत अनेक वादे किये थे, और तो और, प्रदेश का सारा कामकाज छोड़ कर उत्तर प्रदेश में प्रचार में लगे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब वहां छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए किये अपने काम गिनाने में मशगूल रहते हैं, वहां आश्चर्य यह है कि अन्य व्यवस्था तो छोड़िए, बारदाने (बोरे) जैसी मामूली चीजें भी व्यवस्था नहीं कर पा रही है सरकार. बोरा आज छत्तीसगढ़ की राजनीति का सबसे बड़ा विषय हो गया है, जिस पर कांग्रेस सरकार का सफ़ेद झूठ पकड़ में आया है.

CM श्री @bhupeshbaghel ने PM श्री @narendramodi जी को खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान खरीदी के लिए जूट कमिश्नर द्वारा नये जूट बारदाना की आपूर्ति में की जा रही देरी से अवगत कराने एवं समयानुसार आपूर्ति किये जाने के लिए @MOFPI_GOI एवं जूट कमिश्नर को निर्देशित करने हेतु पत्र लिखा है। pic.twitter.com/Lsd7tlSOVP

— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) November 23, 2021

प्रदेश को धान खरीदी के लिए लगभग 25 करोड़ बोरे की ज़रूरत होती है. इतनी बड़ी खरीदी भाजपा के समय में सरलता से हो जाती थी। लेकिन जबसे कांग्रेस आयी है, अव्यवस्था का आलम यह है कि समय रहते कोलकाता के जूट कमिश्नर को इसका आदेश देने के बदले मुख्यमंत्री अन्य राज्यों के चुनावों में हमेशा की तरह व्यस्त रहे, भाजपा चेतावनी भी देती रही, लेकिन किसी के कान पर जूं नहीं रेंगी. अब दुर्भाग्यजनक यह है कि लगातार झूठ बोल कर कांग्रेस बोरे की आपूर्ति करने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिख रही है. यहां वह पत्र ही नहीं लिख रही बल्कि मुख्यमंत्री धमकी के लहजे में कह रहे हैं कि अगर इंतज़ाम नहीं किया गया तो प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था की हालत बिगड़ जायेगी. जबकि खुद विधान सभा में सरकार ने नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक एवं अन्य विधायकों के सवाल के जवाब में अनेक बार स्वीकार किया है कि बारदाना खरीदना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. अकल्पनीय है यह सोचना भी कि कोई मुख्यमंत्री न केवल बारदाना खरीदने के अपने दायित्व को केंद्र पर थोपे बल्कि क़ानून-व्यवस्था बनाने के अपने प्राथमिक दायित्व के लिए भी सीधे प्रधानमंत्री को धमकी दे. आज स्थिति यह है कि किसानों को कहा जाता है कि उन्हें धान खरीदी का टोकन तभी दिया जाएगा, जब वे खुद अपना बारदाना (बोरा) लाकर अधिकारियों को दिखाएं. 

बहरहाल, छत्तीसगढ़ में सामान्यतय: एक नवम्बर तक धान की पहली फसल तैयार हो जाती है. विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस हमेशा तब की भाजपा सरकार पर दबाव बनाती थी कि वह 1 नवम्बर से धान खरीदे. आज के मुख्यमंत्री और तब के कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल लगातार इस के लिए अभियान चलाते थे. लेकिन बघेल की कथनी और करनी का अंतर देखिये कि सत्ता में आने के बाद एक माह विलम्ब से धान खरीदी का निर्णय लिया है. हालांकि सोसायटियों की हड़ताल, बारदाने की कमी, उत्तर प्रदेश चुनाव में मुख्यमंत्री की व्यस्तता एवं अन्य दुर्व्यवस्था के कारण वह भी खटाई में पड़ता दिख रहा है. समय रहते खरीदी नहीं कर पाने के कारण तैयार फसल खेतों में ही थी और बेमौसम बारिश के कारण बड़ी संख्या में किसान तबाह हो गए, उनकी फसल नष्ट हो गयी है, उन्हें भी देखने वाला कोई नहीं है.

प्रदेश में पिछले तीन साल में पांच सौ के लगभग किसानों ने ऐसी ही दुर्व्यवस्था के कारण आत्महत्या की, लेकिन उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में जा कर सस्ती राजनीति करने वाले बघेल ने किसी भी ऐसे किसानों के परिवारों की आजतक सुध नहीं ली है. यहां तक कि प्रदेश के सरगुजा में तस्करों द्वारा लखीमपुर की तर्ज़ पर ही कुचल दिए गए किसानों की तरफ झांकने की भी ज़हमत नहीं उठायी बघेल ने. सोसायटियों की हड़ताल, टोकन के लिए जान तक की बाजी, किसानों के रकबे में की गयी कटौती, किसानों के पंजीयन में की गयी बड़े स्तर की गड़बड़ी, भीगा धान खरीदने से इंकार, बारदाने की किल्लत समेत तमाम समस्याओं के कारण प्रदेश में किसानों का भविष्य अधर में है। यह अलग बात है कि यहां के किसानों की कथित खुशहाली के चर्चे कर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश में वोटों की फसल उपजाने में व्यस्त हैं. काश…सीएम बघेल द्वारा उत्तर प्रदेश में किये गए चुनावी दावों की जांच करने की कोई मुकम्मल व्यवस्था होती.

ShareTweetSendShareSend
Previous News

केंद्र ने मुआवजे की मांग ठुकराई, किसान नेताओं से एमएसपी समिति के लिए 5 नाम मांगे

Next News

अयोध्या-काशी भव्य मंदिर निर्माण जारी, मथुरा की तैयारी है: डिप्टी सीएम

संबंधित समाचार

निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल

जानिए निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के कुछ कारनामे

”भारत जोड़ो” से पहले टूटने लगी कांग्रेस, यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विधायक घोघरा ने दिया इस्तीफा

”भारत जोड़ो” से पहले टूटने लगी कांग्रेस, यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विधायक घोघरा ने दिया इस्तीफा

ब्रह्मवैवर्त पुराण, अग्निपुराण, मत्स्यपुराण में है ज्ञानवापी कुंए का जिक्र

ब्रह्मवैवर्त पुराण, अग्निपुराण, मत्स्यपुराण में है ज्ञानवापी कुंए का जिक्र

सपा नेता रुबीना खानम की अपील, कहा- अगर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनी है, तो हिंदुओं को सौंप दें, कब्जे की जमीन पर नमाज हराम

सपा नेता रुबीना खानम की अपील, कहा- अगर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनी है, तो हिंदुओं को सौंप दें, कब्जे की जमीन पर नमाज हराम

एक बेहतर अर्थव्यवस्था के लिए हिंदू पद्धति : भाग 1

एक बेहतर अर्थव्यवस्था के लिए हिंदू पद्धति : भाग 1

तालानगरी में नए उद्योगों के लिए बनाया जा रहा है औद्योगिक आस्थान, जुलाई में होगा शुभारंभ

योगी विकास का मॉडल : अब 100 आकांक्षात्मक विकास खंडों का होगा कायाकल्प

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल

जानिए निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के कुछ कारनामे

”भारत जोड़ो” से पहले टूटने लगी कांग्रेस, यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विधायक घोघरा ने दिया इस्तीफा

”भारत जोड़ो” से पहले टूटने लगी कांग्रेस, यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विधायक घोघरा ने दिया इस्तीफा

ब्रह्मवैवर्त पुराण, अग्निपुराण, मत्स्यपुराण में है ज्ञानवापी कुंए का जिक्र

ब्रह्मवैवर्त पुराण, अग्निपुराण, मत्स्यपुराण में है ज्ञानवापी कुंए का जिक्र

सपा नेता रुबीना खानम की अपील, कहा- अगर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनी है, तो हिंदुओं को सौंप दें, कब्जे की जमीन पर नमाज हराम

सपा नेता रुबीना खानम की अपील, कहा- अगर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनी है, तो हिंदुओं को सौंप दें, कब्जे की जमीन पर नमाज हराम

एक बेहतर अर्थव्यवस्था के लिए हिंदू पद्धति : भाग 1

एक बेहतर अर्थव्यवस्था के लिए हिंदू पद्धति : भाग 1

तालानगरी में नए उद्योगों के लिए बनाया जा रहा है औद्योगिक आस्थान, जुलाई में होगा शुभारंभ

योगी विकास का मॉडल : अब 100 आकांक्षात्मक विकास खंडों का होगा कायाकल्प

कयामत के दिन तक भी साकार नहीं होगा गजवा-ए-हिन्द का सपना : योगी

उत्तर प्रदेश में तेजी से गिर रहा संक्रमण का ग्राफ, टीकाकरण अभियान ने पकड़ी रफ्तार

ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग पर बोले अखिलेश- भाजपा की साजिश, कुछ भी करा सकती है, एक समय अंधेरे में रखी गई थीं मूर्तियां

ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग पर बोले अखिलेश- भाजपा की साजिश, कुछ भी करा सकती है, एक समय अंधेरे में रखी गई थीं मूर्तियां

  • About Us
  • Contact Us
  • Advertise
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • Vocal4Local
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies